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सुपरस्‍टार युवराज सिंह‍ से IPL में हो गए सुपरफ्लॉप

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 24 2018 12:28PM | Updated Date: May 24 2018 12:29PM
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नई दिल्ली। किसी तराशे हुए हीरे को अपनी पुरानी चमक को पाने की कोशिश में नाकाम होते हुए देखना काफी दर्दनाक होता है। आईपीएल के 11वें सीजन में कुछ ऐसा ही युवराज सिंह‍ के साथ हुआ। 12 साल पहले 2007 में जब भारतीय क्रिकेट टीम ने टी20 वर्ल्‍ड कप जीता था तब सीमित ओवर्स के क्रिकेट में युवराज सिंह महान खिलाड़ियों में गिने जाने लगे थे। इसके बाद यह खिलाड़ी 2011 में हुए वनडे वर्ल्‍ड कप में प्‍लेयर आॅफ द टूनार्मेंट चुना गया था। उस समय जिस तरह की हिटिंग युवी करते थे वो मैच जिताऊ हुआ करती थी।
 
गेंदबाजों में उनके नाम का खौफ रहता था। स्‍टुअर्ट ब्रॉड से भला इस बात को कौन जानता है। युवी ने इस गेंदबाज के एक ओवर में छह छक्‍के लगाए थे। युवी की लेफ्ट आर्म स्पिन कप्‍तान के लिए कामयाबी लाती थी। पॉइंट क्षेत्र में उनके क्षेत्ररक्षण ने तो आने वाले क्रिकेटर्स के लिए ऊंचे मानक तय कर दिए। युवराज के आने तक टीम इंडिया की फील्डिंग औसत रहा करती थी लेकिन इसके बाद से ये विश्‍वस्‍तरीय है।
 
आईपीएल में उम्मीदों से कम प्रदर्शन
युवराज जिस तरह की फॉर्म में अंतरराष्‍ट्रीय वनडे और टी20 क्रिकेट में नजर आते वह आईपीएल में कभी नजर नहीं आई। युवराज ने आईपीएल में 128 मैच खेले और 2652 रन बनाए। उनका सर्वोच्‍च स्‍कोर 83 रन रहा। युवी ने आईपीएल में 12 अर्धशतक उड़ाए और 36 विकेट लिए। वे आईपीएल में किंग्‍स इलेवन पंजाब, पुणे वॉरियर्स, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू, सनराइजर्स हैदराबाद और दिल्‍ली डेयरडेविल्‍स की ओर से खेले लेकिन उनका प्रदर्शन उम्‍मीदों से कम ही रहा। इस साल वे उस टीम(पंजाब) के पास लौटे जिसके साथ उनका आईपीएल कॅरियर शुरू हुआ था, लेकिन वे पूरे मैच नहीं खेल पाए।
 
युवी का जादू गुजरे वक्‍त की बात 
आईपीएल के 11वें सीजन में युवराज के आंकड़ों को देखने पर लगता है कि युवराज का जादुई कमाल अब बीते वक्‍त की बात है। वे छह पारियों में 65 रन बना सके और उन्‍हें एक भी विकेट नहीं मिला। लगता है कि उनके ट्रेडमार्क शॉट कहीं दूर जा चुके हैं और उनकी जगह हताशा और झुंझलाहट भरा बल्‍ला घूम रहा है। इस सीजन में तो वे औसत गेंदबाजों के खिलाफ भी संघर्ष कर रहे थे। उनकी टाइमिंग ठीक उसी तरह बेवफा हो गई है जैसे कि वह 2014 के टी20 वर्ल्‍ड कप के फाइनल में हुई थी। कई लोगों का मानना है कि उस मैच में उनकी बल्‍लेबाजी के चलते ही टीम इंडिया खिताब से दूर रह गई थी। खराब प्रदर्शन के चलते पंजाब ने चेन्‍नई सुपरकिंग्‍स के खिलाफ अपने आखिरी लीग मैच में युवराज को मौका नहीं दिया।
 
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