भुवनेश्वर। कप्तान रानी रामपाल के चौथे क्वार्टर में निर्णायक गोल की बदौलत भारतीय महिला हॉकी टीम ने शनिवार को यहां कलिंगा स्टेडियम में अमेरिका को कुल 6-5 के स्कोर से पराजित कर 2020 के टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर लिया। भारतीय टीम ने ओलम्पिक क्वालीफायर्स के पहले मैच में शुक्रवार को अमेरिका को 5-1 से हराया था लेकिन दूसरे मैच में अमेरिका ने 4-1 से जीत हासिल की। भारत का दोनों मैचों में कुल स्कोर छह गोल रहा जबकि अमेरिका का पांच गोल रहा। भारत ने इस तरह कुल 6-5 के स्कोर से क्वालीफायर जीत लिया। भारत की सांसें उस समय थम गयी थीं जब अमेरिका ने 4-0 की बढ़त बना ली थी
और कुल स्कोर 5-5 से बराबर हो चुका था। रानी रामपाल ने आखिरी क्वार्टर शुरू होने के तुरंत बाद मैदानी गोल दागा और भारत के लिए यह गोल अंत में निर्णायक साबित हुआ। भारतीय महिला टीम इस तरह तीसरी बार ओलम्पिक खेलने उतरेगी। महिला टीम इससे पहले 1980 के मास्को और 2016 के रियो ओलम्पिक में खेली थी। रानी रामपाल की अगुवाई में नौवीं रैकिंग वाली महिला टीम ने 13वें नंबर की टीम अमेरिका को पहले मैच में जिस तरह 5-1 से हराया था उससे लग रहा था कि उसे यह क्वालिफायर जीतने में परेशानी नहीं होगी लेकिन अमेरिकी टीम ने दूसरे मैच में मेजबानों के माथे पर पसीना ला दिया। भारतीय महिला टीम का आखिरी बार अमेरिका से मुकाबला 2018 के महिला विश्व कप में हुआ था जहां भारत ने 1-1 का ड्रा खेला था।
लेकिन क्वालीफायर्स के दूसरे मैच में भारत की सांसें जैसे थम सी गयी थीं। अमांडा मग्दान ने पांचवें, कैथलीन शार्की ने 14वें, एलिसा पार्कर ने 20वें और अमांडा ने 28वें मिनट में गोल कर अमेरिका को 4-0 से आगे कर दिया। इस समय कुल स्कोर 5-5 हो चुका था और ऐसा लग रहा था कि स्कोर बराबर रहने पर मुकाबला शूट आउट में जा सकता है लेकिन चौथा क्वार्टर शुरू होते ही रानी ने करिश्मा किया और 48वें मिनट में मैदानी गोल दाग दिया। भारत ने फिर अमेरिका को कोई और गोल नहीं करने दिया। हालांकि अंतिम मिनटों में मैच तनावपूर्ण हो चुका था।
57वें मिनट में अमेरिका का पेनल्टी कॉर्नर के लिए रेफरल खारिज हो गया जबकि इसके तुरंत बाद अमेरिका को पेनल्टी कॉर्नर मिला तो भारत ने रेफरल मांगा और अमेरिका को दिया गया पेनल्टी कार्नर का फैसला बदला गया। भारत ने राहत की सांस ली। अंत में स्कोर 4-1 रहा और भारतीय टीम को एक गोल के अंतर से ओलम्पिक टिकट मिल गया। क्वालीफायर के प्रारूप के हिसाब से ओलंपिक क्वालीफायर्स में दो मैच में जीतने पर तीन अंक और ड्रा रहने पर एक अंक मिलता है। भारत और अमेरिका के एक बराबर 3-3 अंक रहे। इसके बाद गोल औसत देखा गया जिसमें भारत एक गोल से आगे रहा।