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Health

मिठाई खाएं पर पहले ये जरूर पढ़ लें

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 16 2017 2:45PM | Updated Date: Oct 16 2017 2:45PM
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इंदौर। दीपावली में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं, इसी महीने एक के बाद एक कई त्योहार हैं और हमारी भारतीय संस्कृति में अगर मुंह मीठा नहीं किया तो त्योहार अधूरा सा लगता है, लेकिन मुंह मीठा करने-कराने की इसी परंपरा पर मिलावटखोरों की जहरीली नजर लग गई है। ज्यादा मुनाफा कमाने की लालच में वे लोगों की जान खतरे में डालने से भी नहीं चूक रहे हैं, ऐसे में अगर आप इस दीपावली बाजार से मिठाई खरीदने वाले हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि यह मिठाई आपकी जान तक ले सकती है। 
 
मिलावटखोरों ने हजारों क्ंविटल मिलावटी मावे से आपको बीमार करने का पूरी तैयारी कर ली है। ऐसे में बच्चों को इससे बचा पाना सभी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, क्यूंकि बच्चों को इसे खाने से होने वाली भयंकर बीमारियों का कोई अंदाजा नहीं होता। उन्हें इस परेशानी से बचाने के लिए हमें सावधानी रखने की बहुत जरूरी है, ताकि उनकी हेल्थ पर बुरा असर न पड़े। 
 
ऐसे करें पहचान
आप अगर मिठाई बनाने के लिए मावा खरीदते हैं तो इसकी पहचान करने का एक बहुत ही आसान तरीका है, मावे की छोटी गोली बनाकर हथेली पर रगड़ें, मिलावट होने पर तेल की गंध आएगी। इसके अलावा मावे पर टिंचर (आयोडीन सॉल्यूशन) डालें, मिलावटी होने पर रंग बैंगनी हो जाएगा। खोया का रंग एक दम सफेद नहीं होना चाहिए बल्कि उसमें थोड़ा पीलापन होना चाहिए।
 
ऐसे तैयार होता है नकली मावा 
दीपावली में अधिकांश दुकानदार सिंथेटिक दूध, मावा और अन्य सामान धड़ल्ले से तैयार करते हैं, इसमें प्रयोग की जाने वाली चीजें किसी को भी बीमार कर सकती हैं। मिठाई बनाने के लिए दूध, मावे और घी की आवश्यकता होती है, जिसकी मांग सबसे ज्यादा होती है। खपत बढ़ाने के लिए मिलावटखोर इन उत्पादों को सोड़ा, डिटर्जेंट, कॉस्मेटिक सोड़ा, यूरिया और चर्बी से तैयार करके बाजार में बेचते हैं।  
 
आंतों, फेफड़े, गले पर पड़ सकते हैं भारी 
विशेषज्ञ डॉ. निखिल ओझा ने बताया दूध, खोवा, पनीर, मिठाई में मिलावट व मिठाई में इस्तेमाल होने वाले घटिया रंगों से आंतों, फेफड़ों और गले में इंफेक्शन हो जाता है, इतना ही नहीं इससे आंत के अलावा भोजन की नली और गले में भी घाव होने की संभावना होती है। इलाज में देर हुई तो बीमारी जानलेवा भी हो सकती है। ऐसे में त्योहारों में मावे की बनी मिठाइयों का इस्तेमाल करने से बेहतर है कि ड्रायफ्रूट्स का ही अधिक उपयोग किया जाए।
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