भाग-दौड़ भरी जिंदगी घर हो या बाहर, चिंता, परेशानी व गुस्साश हमारे दिल दिमाग व शरीर के दूसरे भागों को भी प्रभावित करता है। हाईपरटेंशन इन समस्यांओं की जड़ है। इसे रक्तपचाप की गोलियों से नियत्रिंत किया जाता है, मगर इसका कोई सटीक उपचार नहीं है। शोध में कहा गया है कि श्वकसनतंत्र को नियत्रिंत कर हाईटरपेंशन पर विजय पाई जा सकती है।
शरीद को दें पर्याप्त ऑक्सीोजन - डॉक्ट्र्स के पास ज्यातदातर मरीज तनाव के कारण आते हैं। जब हमारे शरीर या मन को चुनौती का सामना करना पड़ता है तो हमारी मेटाबॉल्जिम प्रक्रिया तेज हो जाती है, ब्ल्डप्रेशर और ह्दय की धड़कन बढ़ जाती है। शरीर में रक्तसंचार तेज होता है। जब हम आराम से और गहरी सांस लेने लगते हैं, तो हमारा रक्तआचाप नीचे आ जाता है और हम सामान्यत हो जाते हैं। डॉक्टेर्स बताते हैं कि गहरी और लंबी सांस से तंत्रिका तंत्र पर अच्छो प्रभाव पड़ता है जिससे हमारे शरीर में सकारात्मसक हार्मोन का संचार होता है। हमारा ब्लाडप्रेशर नीचे आ जाता है। इस तरह हम बिना किसी दवा के हाईपरटेंशन पर काबू पा सकते है।
ऐसे पहचानें
अचानक तेज सिरदर्द, थकान, चक्कहर आना, दृष्टि की समस्याथ, छाती में दर्द, सांस की समस्या़एं, पेशाब में खून आना, हाईपरटेंशन के लक्षण है।
ऐसे करें बचाव
नमक कम खाएं- डॉक्टकर्स के अनुसार एक दिन में 1500 से 2300 मिलीग्राम नमक का सेवन करना चाहिए। इससे अधिक नमक का सेवन खतरनाक हो सकता है।
व्याकयाम करें- ब्ल्ड प्रेशर को काबू में करना है तो दिनचर्चा में व्या याम को तवज्जों् देना बेहद जरूरी है। इससे आपकों वजन कम करने में मदद मिलेगी और कोलेस्ट्रॉाल भी घटेगा।
शराब और ध्रुमपान से तौबा करें- ध्रुमपान रक्त चाप में बेहद घातक है और शराब को सेवन भी एक सीमा तक ही करना चाहिए। जरूरत से ज्यामदा शराब ब्लकड प्रेशर असामान्यत रूप से बढ़ा देती है। ध्रुमपान का सीधा असर हमारी धमनियों पर पड़ता है और यह सिकुड़ने लगती है।