18 Apr 2024, 21:04:25 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Health

एनीमिया में महिला होना रिस्क फेक्टर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 9 2016 1:41AM | Updated Date: Oct 9 2016 1:41AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

हैल्थ डेस्क। हमारे देश में हर तीन में से एक महिला एनीमिया की शिकार है। गर्भवती महिलाओं में ये ज्यादा गंभीर है। लगभग 57.8 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित रहती है। 
एनीमिया क्या है...
शरीर की कोशिकाओं को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है और ऑक्सीजन की शरीर के विभिन्न भागों में लाल रक्त कणिकाओं में उपस्थित हीमोग्लोबीन द्वारा पहुचाया जाता है। शरीर में आयरन की कमी से लाल रक्त कणिकाओं और हीमोग्लोबीन का निर्माण प्रभावित होता है।

लक्षण
कमजोरी और थकान। एनीमिया लगातार रहना न्यूरोलॉजिकल गड़बड़ी भी करता है, विशेषकर बच्चों में चिड़चिड़ापन।

रोकथाम
अगर किसी को मासिक धर्म के दौरान रक्तस्त्राव अधिक हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं, क्योंकि इससे शरीर में आयरन में तेजी से कमी आती है।
उपचार
एनीमिया का उपचार इसकी गंभीरता और कारणों पर निर्भर करता है। एनीमिया को ठीक होने में छह से नौ महीने का समय लगता है। इसमें आयरन, फॉलिक एसिड और विटामिन बी 12 के सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं।

जान क्या है कारण
> एनीमिया रक्त संबंधित सबसे आम समस्या है। यह कई प्रकार का होता है, जिसके कारण अलग-अलग होते हैं।
> ज्यादा रक्त कोशिकाओं का नष्ट हो जाना।
> लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में कमी।
> हेमरेज या लगातार रक्त बहने से कमी।
> फोलेट, विटामिन बी 12, विटामिन ए कम।
> संक्रमण या लंबी बीमारी।
> अनुवांशिक कारण।
> पूरे विश्व में आयरन की कमी को एनीमिया का सबसे प्रमुख कारण माना जाता है।

जोखिम ऐसे-
एनीमिया किसी को कभी भी हो सकता है, लेकिन जो निम्न बीमारियों से पीड़ित हैं, उनमें आशंका ज्यादा है:
> किडनी रोग, डायबिटीज, हृदय रोग, रुमेटाइड आर्थराइटिस, गंभीर सर्जरी हुई हो।
> इसमें महिला होना बड़ा रिस्क फैक्टर है।

महिलाएं आसान शिकार
पुरुषों की तुलना में महिलाएं एनीमिया की अधिक शिकार होती हैं। डाइटिंग कर रही लड़कियां भी इसका शिकार हो जाती है। मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्त्राव होने, गर्भाशय में ट्यूमर होने पर भी एनीमिया को आशंका बढ़ जाती है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं में भी एनीमिया होने का खतरा रहता है। एक स्वस्थ महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर 11ग्राम/डीएल हो तो यह माइल्ड एनीमिया होता है। यह स्तर 6-4 ग्राम/डीएल हो उसे सीवियर एनीमिया कहते हैं। इसमें तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है।
 

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »