गर्मियों में हवा लू का रूप लेने लगती है। इसके चलते शरीर में पानी की कमी का खतरा तो रहता ही है, आंखों पर भी बुरा असर पड़ता है। धूप की चमक आंखों की रेटिना को प्रभावित करता है। हवा में उड़ती धूल और उसमें छिपे अनेक तरह के बैक्टीरिया आंखों को संक्रमित कर सकते हैं। ज्यादा देर धूप में रहने से आंखों में चिपचिपापन और पानी गिरने की समस्या पैदा हो जाती है। ऐसे में आंखों की सुरक्षा के लिए खास सावधानी बरतने की जरूरत है।
बढ़ जाता है खून का संचार- जानकारी के अनुसार आंखों को आराम देने के लिए गहरी और भरपूर नींद लेना बहुत जरूरी है। सो, पूरी नींद लेने में लापरवाही न बरतें। कम से कम सात-आठ घंटे सोने से आंखें चुस्त और दुरूस्त बनी रहती हैं। चाहें तो सोने का समय रात और दिन दोनों को मिला कर पूरा कर सकते हैं। शरीर के जिस भी अंग की मसाज या मालिश की जाती है वहां खून का संचार बढ़ जाता है। आंखों के अंदर तो तेल डाला नहीं जा सकता, लेकिन उसके आसपास की जगह पर मालिश जरूर की जा सकती है।
इस तरह करे व्यायाम- इसी के साथ बादाम रोगन से आंखों के आसापास उंगलियों को हल्का दाब देते हुए गोलाई में मालिश करें। इससे आंखों के इर्दगिर्द की त्वचा पुष्ट होती और आंखों को स्वास्थ्य लाभ मिलता है। इसके अलावा दिन में एक बार आंखों का व्यायाम अवश्य करें। अगर आंखों में थकान महसूस हो, तो गुलाब जल मिश्रित पानी में साफ रूई भिगो कर आंखों पर रखने से राहत मिलती और ताजगी महसूस होती है।