अपनी सुहानी पत्तियों औऱ नाज़ुक फूलों के कारण नीम का पेड़, आंखों के लिए एक सुकून भरा एहसास है। लेकिन भारत में पीढ़ियों से ये पेड़ कई रोगों की रामबाण दवा के रूप में जाना जाता है। ऐसे में क्या ये कोई अचरज की बात है कि नीम की पत्तियों के अर्क मिले पानी में नहाना कई स्वास्थ्य समस्याओं से निजात दिला सकता है
त्वचा रोग- पानी में नीम की पत्तियां उबालकर इस मिश्रण को पानी में मिलाकर नहाने से छाले और गांठ या मस्से की समस्या से निजात मिलती है। नीम का सूक्ष्मजीवरोधी गुण खुजली और जलन से भी राहत देता है। नीम मिला पानी सोरायसिस और एक्ज़ेमा जैसे त्वचा रोगों के इलाज में भी काफी कारगर साबित होता है।
शरीर की दुर्गंध और मुंहासे- कीटाणुरोधी गुण के कारण नीम के पानी से नहाने से शरीर की दुर्गंध से छुटकारा मिलता है। कील- मुंहासों के धब्बे मिटाने में भी नीम काफी मददगार है। नहाने के आखिर में अपने चेहरे पर नीम के पानी का छींटा मारें- इससे स्किन टोन होती है साथ ही पिगमेंटेशन और ब्लैक हेड्स की समस्या से भी छुटकारा मिलता है।
रूसी- शैंपू के बाद नीम मिले पानी से बाल धोने से सिर की त्वचा के रुखेपन, बालों का झड़ना, और रूसी की समस्या से निजात मिलती है। नीम, सिर की त्वचा के रोम छिद्र खोलकर उन्हें कसाव देता है जिससे न सिर्फ रूसी का खात्मा होता है] बल्कि बाल मुलायम औऱ चमकदार भी बनते हैं।
छोटी चेचक और जलने के घाव- चेचक के मरीज़ों को राहत पहुंचाने का सबसे आजमाया हुआ उपाय है, उन्हें नीम के पानी से नहलाना। इससे संक्रमण को फैलने से भी रोका जा सकता है। जले के घाव नीम के पानी से स्नान करने से जल्दी ठीक होते हैं, क्योंकि नीम के कीटाणुरोधी गुण त्वचा को जल्द ठीक होने में मदद करते हैं। साथ ही प्रभावित हिस्से को एलर्जी और संक्रमण से भी बचाते हैं।
आंखों का संक्रमण- कन्जक्टिवाइटिस में नीम के पानी से आंखें धोने से आंखों की जलन औऱ चुभन शांत होती है। साथ ही बिलनी और आंख में दाने जैसी छोटी-मोटी समस्या में भी इससे काफी राहत मिलती है।