चाट हो या दाल, कोई भी व्यंजन इस के प्रयोग से स्वादिष्ठ हो जाता है. यह फल खट्टा होने के साथसाथ बेहद गुणकारी भी है।
आइए जानते हैं इस के कुछ प्रयोगों के बारे में:
1.कृमि रोग- 10 ग्राम नीबू के पत्तों के रस में 10 ग्राम शहद मिला कर पीने से 10-15 दिनों में पेट के कीड़े मर जाते हैं। नीबू के बीजों के चूर्ण की फंकी लेने से भी कीड़े मर जाते हैं।
2.सिरदर्द- नीबू के पत्तों का रस निकाल कर अच्छी तरह सूंघें. जिस व्यक्ति को हमेशा सिरदर्द बना रहता है, उसे भी इस से शीघ्र आराम मिलता है।
3.नकसीर- ताजे नीबू का रस निकाल कर नाक में पिचकारी देने से नाक से खून निकलता हो, तो बंद हो जाएगा।
4.तृष्णा- किसी कारण से बारबार प्यास लगती हो, तो नीबू चूसने या शिकंजी पीने से तुरंत प्यास बंद हो जाती है। इसे तेज बुखार में भी दिया जा सकता है।
5.मिरगी- चुटकी भर हींग को नीबू में मिला कर चूसने से मिरगी रोग में लाभ होगा।
6.दांत व मसूड़ों का दर्द- दांत दर्द होने पर नीबू को 4 टुकड़ों में काट लीजिए, इस के बाद ऊपर से नमक डाल कर सभी टुकड़े गरम कीजिए, फिर 1-1 टुकड़ा दांत व दाढ़ में रख कर दबाते जाएं व चूसते जाएं। दर्द में राहत महसूस होगी. मसूड़े फूलने पर नीबू को पानी में निचोड़ कर कुल्ले करने से अत्यधिक लाभ होगा. पायरिया : नीबू का रस व शहद मिला कर मसूड़ों पर मलते रहने से रक्त व पीप आना बंद हो जाते हैं।
7.हिचकी- 1 चम्मच नीबू का रस व शहद मिला कर पीने से हिचकी बंद हो जाएगी। इस प्रयोग में स्वादानुसार कालानमक भी मिलाया जा सकता है।
8.खुजली- नीबू में फिटकरी का चूर्ण मिला कर खुजली वाले स्थान पर रगड़ें. खुजली समाप्त हो जाएगी।
9.जोड़ों का दर्द- नीबू के रस को दर्द वाले स्थान पर मलने से दर्द व सूजन समाप्त हो जाएगी।
10.पीड़ारहित प्रसव- गर्भधारण के चौथे माह से प्रसवकाल तक अगर स्त्री 1 नीबू की शिकंजी रोज पिए तो प्रसव बिना कष्ट होता है।
11.मूत्रावरोध- नीबू के बीजों को महीन पीस कर नाभि पर रख कर ठंडा पानी डालें, रुका हुआ पेशाब खुल कर व साफ आ जाता है।
12.तपोदिक- नीबू के 25 ग्राम रस में 11 तुलसी के पत्ते तथा जीरा, हींग व नमक सब को गरम पानी में मिला कर पीने से तपेदिक रोग में लाभ होगा।