16 Apr 2024, 14:29:20 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

-वीना नागपाल

सोशल मीडिया जब से अस्तित्व में आया है तब से महिलाएं छली जा रही हैं और धोखा खा रही हैं। कभी-कभी तो बहुत हैरानी होती है कि कैसे पुरुष वह रास्ता तलाश कर ही लेते हैं जिनसे वह महिलाओं के साथ कपट कर उन्हें आहत व विचलित कर दें। तकनीक का नया युग आया और यह समझा गया कि इससे कई बातें अच्छी व सुगम हो जाएंगी। शुरू-शुरू में ऐसा लगा भी पर, पुरुषों ने अपने निजी स्वार्थ और अपनी निम्न मानसिक सोच व विकृति के कारण उस माध्यम को भी अपने हित के लिए प्रयोग कर लिया। प्राय: उनका जो स्वभाव विश्वासघात करने का है उसका अब वह भरपूर प्रयोग कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर फेसबुक व अन्य फीचर्स के माध्यम से वह अपना झूठा और कृत्रिम परिचय बनाकर प्रस्तुत करते हैं। इसका सहारा लेकर वह महिलाओं (यहां युवतियां भी समझा जाए) के नजदीक आने और उनसे संबंध बनाने की कोशिश करते हैं। बहुत बड़ा समय वह इसी बात में लगाते हैं कि वह युवती उनकी मीठी-मीठी बातों और उनके व्यक्तित्व  के छद्म आकर्षण के घेरे में आ जाए। कमाल की बात तो यह है कि युवती को जरा भी संदेह नहीं हो पाता कि वह अंतत: छली जाएगी और उसके साथ विश्वासघात होगा। उन पुरुषों का अपना जाल फैलाने का तरीका  इतना शातिर होता है कि युवती उसमें उलझकर रह जाती है। उसके लिए उस समय उसे संदेह करने का कोई कारण नजर नहीं आता। एक सर्वेक्षण के दौरान (जो अमेरिका में किया गया) पता चला कि सबसे अधिक पुरुष ही फेसबुक या सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों से अपना झूठा और कृत्रिम परिचय देते हैं। महिलाओं की संख्या तो न के बराबर थी। यह कैसी प्रवृत्ति है कि महिलाओं को अपने घेरे में लाने के लिए जो भी साधन पुरुषों को दिखते हैं वह उसका भरपूर उपयोग करते हैं। पहले शब्दों का जाल होता था और आज यह सोशल मीडिया हो गया है जिसका क्षेत्र इतना व्यापक है कि उसकी पहुंच के हाथ बहुत लंबे हैं।

जब ऐसे समाचार आते हैं कि कोई महिला इस सोशल मीडिया से इस तरह छली गई, उसके साथ विश्वासघात हुआ तब लगता है कि सोशल मीडिया ने उनकी सहायता करने के स्थान पर उसे और भी कमजोर, निरीह और शोषित बना दिया है। आजकल कई माध्यमों द्वारा बार-बार यह बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर प्रस्तुत किसी भी अनजान व्यक्ति के परिचय और उसके द्वारा प्रस्तुत उसकी छवि पर शत-प्रतिशत विश्वास न करें। वह अपराधी प्रवृत्ति का पुरुष आपका शोषक बन सकता है। यह तो सरासर अन्याय है कि उस महिला को वह सब संताप भुगतना पड़ा जाए जिसके लिए वह केवल इतनी भर दोषी है कि किसी पर उसने विश्वास कर लिया अथवा उसका भरोसा कर लिया। यह कैसा मानव समाज है जो अपने ही साथी मानव जिसका महिला रूप है उसके साथ ही इतना धोखा कर दे, जिससे पहले कभी मिले ही नहीं वही अब आपके निशाने पर आ जाए और एक शिकारी की तरह आप उसका शिकार कर लें।

आजकल साइबर क्राइम का भी टर्म बहुत व्यापक व विस्तृत है। इसकी परिभाषा में कई अपराध शामिल हैं, जो सोशल मीडिया के माध्यम से किए जाते हैं। पुलिस के भी बाकी सारे उत्तरदायित्वों में साइबर क्राइम के अंतर्गत  किए जाने वाले अपराध को भी सुलझाना शामिल हो गया है। इंदौर में एडीजी नारकोटिक्स वरुण कपूर इस क्षेत्र में बहुत व्यापक रूप से सक्रिय हैं और वह स्कूल, कॉलेज व अन्य संस्थानों में जाकर साइबर क्राइम के बारे में विस्तृत जानकारी देते हैं और बताते हैं कि इसके घेरे में आने से कैसे बचा जाए? महिलाओं, युवतियों और किशोरियों को विश्वासघातों से और दूसरे रूप में अपने शोषण से बचने के लिए इस विषय में न केवल जानकारी लेना चाहिए बल्कि सजग भी होना चाहिए, वह इसके बारे में जानें व समझें।

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