नई दिल्ली। डिजिटल तकनीक का बढ़ता असर आम जनजीवन के साथ-साथ हर आयु वर्ग के लोगों पर साफ दिखाई देने लगा है। बच्चे, युवा, पुरुष, महिलाएं और बुजुर्ग इस बढ़ती तकनीक का उपयोग अधिक से अधिक करने लगे है। कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल और 2डी, 3डी और 4डी वीडियो गेम का चलन भी बढ़ने लगा है। यह चलन अब सिर्फ बच्चों के खेलने तक ही सीमित नहीं रह गया है। यह युवाओं के लिए अच्छा रोजगार अवसर भी प्रदान करने वाला साबित हो रहा है। आज के युग में गेमिंग के जरिये भी युवाओं के लिए बेहतर कॅरियर बनाना संभव है। वीडियो गेम का शौक आज कल बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी में बढ़ता जा रहा है। वैसे भी अब आउटडोर गेम्स की तुलना में बच्चे वीडियो गेम्स की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे है। यह मनोरंजन का एक बेहतरीन विकल्प बनता जा रहा है। डिजिटल गेम्स की इसी लोकप्रियता का कमाल है कि विश्व भर में गेंिमग इंडस्ट्री दिन दूनी रात चौगुनी गति से उन्नति कर रही है। हज़ारों की संख्या में कम्पनियां नए-नए गेम्स तैयार करने में लगी हुी हैं तथा लाखों ट्रेंड लोग इस काम में दिन-रात लगे हुए हैं कि कैसे और अधिक आकर्षक और रोमांच से भरपूर गेम्स का विकास किया जाए। वर्ष 2017 की ग्लोबल गेम्स मार्केट रिपोर्ट में गेम्स इंडस्ट्री का कारोबार लगभग 110 अरब डॉलर होने का अनुमान लगाया गया था। इसमें डिजिटल गेम्स का हिस्सा लगभग 95 अरब डॉलर अथवा 87 प्रतिशत था। डिजिटल गेम्स में मोबाइल गेंिमग की भागीदारी 2020 तक 50 प्रतिशत पहुंच जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। इंटरनेट की बढ़ती पैठ से आॅनलाइन गेमिंग को ज़बरदस्त बढ़ावा मिल रहा है। आधुनिक युग में सृजित नए कॅरियर विकल्पों में गेंिमग इंडस्ट्री से जुड़ी विविध विधाओं का काफी महत्व है। गेम्स डिजाइनिंग का काम अत्यंत जटिल होता है और इसके लिए विभिन्न प्रकार के हुनर में ट्रेंड लोगों की ज़रूरत पड़ती है। इनमें गेम डिज़ाइनर, प्रोग्रामर,इंजीनियर्स ,गेम्स की कहानी का तानाबाना तैयार करने के लिए कहानी लेखक,फाइन आर्ट्स के जानकार,वेब डिज़ाइनर,ग्राफिक्स एवं एनीमेशन एक्सपर्ट्स आदि का खासतौर पर उल्लेख किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त नए गेम्स के लिए टू डी और थ्री डी प्लेटफॉर्म तैयार करने के लिए पारंगत लोग भी चाहिए। गेम्स डेवलपर कंपनियों में रोज़गार पाने के अतिरिक्त फ्रीलांस आधार पर भी आॅनलाइन काम करने के मौके मिल सकते हैं। मेहनत और लगन के बूते एक बार एक्सपर्ट के रूप में स्थापित होने के बाद मुंहमांगी फीस देने वालों की इस क्षेत्र में कमी नहीं है।