नई दिल्ली। सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम की नीलामी करने जा रही है। ये नीलामी 5जी सर्विस को लॉन्च करने के लिए पहला कदम है। इन स्पेक्ट्रम की नीलामी से उपभोक्ताओं को हाई स्पीड इंटरनेट के साथ-साथ अच्छी क्वालिटी की कॉलिंग सुविधा भी मिलेगी। सरकार के अनुसार 3 हजार मेगाहर्ट्ज के रेडियवेव्स की नीलामी की जाएगी। केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर संसद को जानकारी दी।
पहली बार नीलामी की जाएगी...
केंद्रीय टेलिकॉम मंत्री मनोज सिन्हा ने इस मुद्दे पर कहा - आगामी नीलामी में 3 हजार मेगाहर्ट्ज से ज्यादा के स्पेक्ट्रम की पहली बार नीलामी की जाएगी। पिछली बार 2016 में ऐसी ही नीलामी हुई थी, जिसमें 2,354.55 मेगाहट्र्ज के एयरवेव्स की नीलामी की गई थी, इसमें 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज ,1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज के सभी बैंड्स में नीलामी हुई है। इसका बेस प्राइस 5.63 लाख करोड़ रखा गया था। इस ऑक्शन में लगभग 60 प्रतिशत रेडियोवेव्स की नीलामी नहीं हो पाई थी।
ट्राई से मांगी सलाह
मनोज सिन्हा ने बताया कि टेलिकॉम मिनिस्ट्री ने टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) से रिजर्व प्राइस और नीलमी से जुड़े अन्य मुद्दों पर सलाह मांगी है। इस बार की नीलामी में 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300-3400 मेगाहर्ट्ज और 3400-3600 मेगाहर्ट्ज के फ्रीक्वेंसी बैंड्स की नीलामी की जानी है।
5जी पर चल रहा है काम
5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के एक सवाल पर सिन्हा ने कहा - 5जी टेक्नॉलजी से संबंधित स्टैंडर्डाइजेशन का काम इंटरनेशनल टेलिकॉम यूनियन (आईटीयू) के पास चल रहा है। इसका नाम 'इंटरनैशनल मोबाइल टेलिकम्यूनिकेशन 2020' रखा गया है।