नई दिल्ली। व्हॉट्सऐप के इस खुलासे के बाद हड़कंप मच गया है। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्स एप के जरिए जासूसी करने का मामला सामने आया है । एक इजरायली 'स्पाइवेयर' ने व्हाट्सऐप के जरिए उनकी जासूसी की है. इनमें भारतीय पत्रकार, एक्टिविस्ट शामिल हैं। केंद्र सरकार ने पत्रकारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी के मामले में व्हाट्सएप से चार नवंबर तक जवाब मांगा है। भारतीय पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के वॉट्सऐप को हैक कर उनके साथ जासूसी करने की बात सामने आई है। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने वॉट्सऐप से इस मुद्दे पर जवाब मांगा है। सरकार ने वॉट्सऐप से इजरायली स्पाइवेयर के मामले में 4 नवंबर तक जवाब देने को कहा है। इस जासूसी से जुड़े खुलासे के बाद कांग्रेस ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है।
इसके साथ कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया कि वह इस मामले पर खुद दखल करे एवं सरकार को जवाबदेह ठहराए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा करते हुए कहा है कि ‘अपने ही नागरिकों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करने वाली यह सरकार’ इस देश का नेतृत्व करने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। मामले में सुरजेवाला ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘मोदी सरकार जासूसी करते पकड़ी गई है। चिंताजनक है, लेकिन हैरान करने वाली बात नहीं है। आखिरकार भाजपा सरकार हमारी निजता के खिलाफ लड़ी, करोड़ों रुपए का निगरानी ढांचा बनाया।’ उन्होंने इस पर जोर देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए और भाजपा सरकार को नोटिस जारी करना चाहिए। बता दें कि वॉट्सऐप ने यह खुलासा किया है कि एक इजरायली स्पाइवेयर के जरिए दुनिया भर में कई वॉट्सऐप यूजर्स की जासूसी की गई। कुछ भारतीय पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं। हालांकि, वॉट्सऐप ने यह नहीं बताया कि कितने भारतीयों की जासूसी की गई। वॉट्सऐप ने कहा कि इजरायली स्पाइवेयर 'पेगासस' के जरिए हैकरों ने जासूसी के लिए करीब 1400 लोगों के फोन हैक किए हैं। चार महाद्वीपों के वॉट्सऐप यूजर्स इस जासूसी का शिकार बने हैं। इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं। हालांकि, व्हॉट्सएप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए गए हैं।