नई दिल्ली। व्हाट्सएप पेमेंट सर्विस पिछले एक साल के बीटा फेज में अटकी हुई है। इस प्रोग्राम से जुड़े दो लोगों ने इस बात की जानकारी दी है कि व्हाट्सएप केंद्रीय बैंक के पेमेंट डेटा से जुड़े नियमों के पालन के लिए तैयार हो गया है। दरअसल, केंद्रीय बैंक ने सभी पेमेंट सेवा प्रदान कंपनियों को भारतीय यूजर्स का डेटा भारत में ही स्टोर करने की बात कही है। जिस कारण व्हाट्सएप के पेमेंट फीचर को मंजूरी नहीं मिल पा रही हैं।
व्हाट्सएप पेमेंट फीचर यानी व्हाट्सएप पे पिछले साल फरवरी से बीटा फेज में है। ये सुविधा अभी तक सिर्फ 10 लाख लोगों तक ही पहुंची है। व्हाट्सएप को इस सेवा को शुरू करने की मंजूरी अभी तक नहीं मिल पाई है। फेसबुक के वरिष्ट अधिकारी ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि हम आरबीआई की गाइडलाइन का पालन करने के लिए तैयार हो गए हैं। केवल कुछ इंजीनियरिंग काम बाकी रह गया है।
इस बयान का मतलब है कि व्हाट्सएप भारतीय यूजर्स का डेटा भारत में ही स्टोर करने के लिए तैयार हो गया है। अब तक अमेरिकी कंपनी कुछ डेटा या पेमेंट डेटा की कॉपी भारत में और कुछ डेटा को भारत से बाहर स्टोर करने की इजाजत मांग रही थी। रिजर्व बैंक के गाइडलाइन के मुताबिक व्हाट्सएप को पेमेंट का सारा डेटा भारत में ही स्टोर करना होगा, जिसके बाद उसे इस सेवा को शुरू करने की मंजूरी मिलेगी।
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में दिए गए एक हलफनामे में आरबीआई ने बताया था कि व्हाट्सएप उनके डेटा संरक्षण के नियमों का पालन नहीं कर रही है। आईटी मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि व्हाट्सएप को भारत में डेटा स्टोर करने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं मिल रहा है। व्हाट्सएप पे सेवा एनपीसीआई द्वारा बनाए गए यूपीआई पर काम करता है। जिसकी मदद से यूजर्स एक दूसरे को पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।