- प्रशांत शुक्ला
भोपाल। प्रदेश में अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आॅनलाइन किया जा रहा है। मेडिकोलीगल संस्थान, हेल्थ डिपार्टमेंट और पुलिस ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर पिछले दिनों सरकार को इसके लिए निर्देशित किया था। आॅनलाइन रिपोर्ट अपलोड होने के कारण पीड़ित पक्ष को अब रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए पुलिस और मेडिकोलीगल संस्थान के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। आसानी से संबंधित पीड़ित पक्ष और विभागीय अफसरों को रिपोर्ट उपलब्ध हो जाएगी। पीएम रिपोर्ट आॅनलाइन करने वाला मप्र दूसरा राज्य हो जाएगा। इसके पहले हरियाणा में पीएम रिपोर्ट को आॅनलाइन किया जा चुका है।
पूरा मामला यह है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही पता चलता है कि आखिर व्यक्ति की मौत का कारण क्या रहा है। अभी तक हस्तलिखित रिपोर्ट बनती थी जिसमें डॉक्टर अपना विश्लेषण और निष्कर्ष देते थे। कई बार ऐसा हुआ कि पुलिस जब कोर्ट में पीएम रिपोर्ट प्रस्तुत करती थी तो हस्तलिखित होने के कारण कोर्ट को ही रिपोर्ट समझने में परेशानी होती थी। कोर्ट में वकील भी कई बार आपराधिक मामलों की जिरह में अपने हिसाब से रिपोर्ट की व्याख्या करते थे। इसके अलावा पीड़ित पक्ष में भी रिपोर्ट को लेकर असमंजस में बना रहता था। अब पीएम रिपोर्ट को आॅनलाइन अपलोड किया जाएगा तो इस तरह की दिक्कतें नहीं होगी।
खत्म होगी हेरफेर की आशंका
पीएम रिपोर्ट सार्वजनिक रहेगी तो इसमें हेरफेर की आशंका भी नहीं रहेगी। कई मामलों में शार्ट पीएम और मुख्य पीएम रिपोर्ट हस्तलिखित होने के कारण डॉक्टर्स के ओपिनियन में अंतर दिखता है। अब आॅनलाइन रिपोर्ट में एक-एक बिंदु स्पष्ट रहेगा। यदि कोई हेरफेर या गलती होती है तो आॅनलाइन प्रक्रिया में उसे तुरंत पकड़ा जाएगा। आपराधिक मामलों की जांच में पीएम रिपोर्ट महत्वपूर्ण होती है। पीएम रिपोर्ट के आधार पर ही पुलिस प्रकरण दर्ज करते समय धाराओं का निर्धारण करती है।
सीसीटीएनएस में भी रहेगी अपलोड
पीएम रिपोर्ट पुलिस के सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट से भी कनेक्ट रहेगी। इससे किसी भी थाने और पुलिस के वरिष्ठ कार्यालय में किसी भी केस की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को देखा जा सकेगा। पुलिस की एफएसएल यूनिट को सीसीटीएनएस से कनेक्ट करने का काम चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इसमें एक साल का समय लग जाएगा, यह इसलिए कि पिछले केसों की रिपोर्ट को भी आॅनलाइन किया जाना है।
भोपाल में सबसे पुराना है मेडिकोलीगल संस्थान
भोपाल का मेडिकोलीगल संस्थान प्रदेश में सबसे पुराना है। इसे करीब 50 वर्ष हो चुके हैं। गैसकांड के अवशेष को भी इसमें सुरक्षित रखा गया है। यहां फोरेंसिक से जुड़ी कई महत्वपूर्ण रिसर्च की जा चुकी हैं। पीएम रिपोर्ट को आॅनलाइन किया जा रहा है। एफएसएल यूनिट पुलिस के सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट से कनेक्ट होंगी। इसमें समय की बर्बादी नहीं होगी। वहीं पीड़ित पक्ष या संबंधित विभाग को त्वरित रिपोर्ट प्राप्त हो सकेगी।
-डीसी सागर, एडीजी तकनीकी सेवाएं
हाई कोर्ट के निर्देश के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आॅनलाइन किया जा रहा है। आॅनलाइन रिपोर्ट होने के कारण सहूलियत होगी। मेडिकोलीगल, स्वास्थ विभाग और पुलिस संयुक्त रूप से इस प्रक्रिया में जुट गए हैं।
- डॉ. अशोक शर्मा, डायरेक्टर मेडिकोलीगल संस्थान