केपी सिंह-
इंदौर। स्वच्छता को लेकर अब शहरी विकास मंत्रालय देशभर में होटलों की तर्ज पर ‘स्टार’ स्कीम लागू कर रहा है। ये स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 से अलग हटकर रहेगी और इसमें वन से लेकर सेवन स्टार तक रेंटिंग होगी। इसमें जो शहर मापदंडों पर खरा उतरेंगे उन्हें सेवन स्टार रेंटिंग मिलेगी। इसमें अगर एक साथ 10 शहर मापदंडों पर खरा उतरते हैं तो उन्हें सेवन स्टार मिलेंगे और जो कमजोर रहेंगे उनके स्टार कम हो जाएंगे।
जीवन स्तर में सुधार लाने का उद्देश्य
स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में कोई एक शहर नंबर वन आएगा, लेकिन इस योजना में वन से सेवन स्टार रेंटिंग में 10 से 50 शहर तक आ सकते हैं। अगर वे मापदंडों पर खरे उतरे तो। शहरी विकास मंत्रालय ने शहरवासियों के जीवन स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की है। इसमें लोगों को क्या सुविधाएं मिल रही हैं, शहरों में बीमारियों की कमी सहित अन्य बिंदुओं पर गाइडलाइन बनाकर शहरों को भेजी जा रही है। इसी आधार पर स्टार रेंटिंग के लिए काम शुरू हो जाएगा। इसमें सात बिंदु रखे गए हैं।
खुद करेंगे रेंटिंग
इस योजना की जानकारी ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के डायरेक्टर ओपी बिंदल व सेक्रेटरी उमाशंकर ने देशभर के नगर निगम कमिश्नरों को दी है। इसमें स्पष्ट कर दिया कि अब शहरों को ही अपनी रेंटिंग करना होगी और दस्तावेज शहरी विकास मंत्रालय को भेजना होंगे। इसी आधार पर दिल्ली की टीम जांच करने शहरों में पहुंचेगी और शहर द्वारा मांगी गई रेंटिंग की बारीकी से जांच करेगी।
इंदौर में तैयारी
केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने जो मापदंड तैयार किए हैं उसमें इंदौर सेवन स्टार रेंटिंग का सबसे बड़ा हकदार है। दरअसल गाइडलाइन में दिए गए सातों बिंदुओं में इंदौर में 100 प्रतिशत काम सालभर पहले से ही चल रहा है। इंदौर निगम कमिश्नर मनीष सिंह और कंसल्टेंट असद वारसी ने योजना में इंदौर को सबसे बड़ा दावेदार बताया, जो सभी मापदंडों पर खरा उतर रहा है।
इन पैमानों पर खरा उतरने पर मिलेंगे स्टार
1. सवाल - डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम हो रहा है? वर्तमान में क्या स्थिति है?
इंदौर - शहर में काम 100 प्रतिशत किया जा रहा है।
2. सवाल - गीला व सूखा कचरा अलग-अलग ले रहे हैं?
इंदौर - शहर 100 प्रतिशत काम हो रहा है।
3. सवाल - डी सेंट्रलाइज्ड कम्पोस्टिंग की क्या स्थिति है? ये होटल्स, मैरिज गार्डन में हो रहा है या नहीं?
इंदौर - खाद बनाने के प्लांट लगाने का काम दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
4. सवाल - गीले कचरे को ट्रांसपोर्ट करते हैं या नहीं? प्रोसेसिंग किस तरह करते है?
इंदौर - गीले कचरे से वेस्ट टू एनर्जी का प्लांट लगाया जा रहा है, जबकि गुणवत्तापूर्वक खाद बनाने का काम भी किया जा रहा है। इस खाद को किसानों के साथ ही नर्सरी में भी बेच रहे हैं।
5. सवाल - सूखे कचरे का इस्तेमाल किस तरह से करते हैं?
इंदौर - ट्रांसफर स्टेशन, ट्रेंचिंग ग्राउंड सहित अन्य स्थानों पर रेड पीकर्स लगाए जा रहे हैं। प्लास्टिक केंद्र भी तैयार किया है, जिसमें प्लास्टिक खरीदी का काम भी करते हैं। सूखे कचरे का सही इस्तेमाल कर उसे खरीदा जाता है। फिर उसका इस्तेमाल प्लांट में करते हैं।
6. सवाल - शहर में कचरे के निपटान के लिए क्या-क्या व्यवस्थाएं है?
इंदौर - कचरे के दो लैंडफील तैयार किए गए हैं। जो काम का नहीं है, उसे लैंडफील कर जमीन के अंदर दबाते हैं।
7. सवाल - पुराने कचरे के निपटान के लिए क्या कर रहे हैं?
इंदौर - इससे खाद बनाई जा रही है। गार्डनों में प्लांट लगाया जा रहा है, ताकि वहीं पर खाद बन सके।