- केपी सिंह
इंदौर। फिल्म के शौकीनों से सिनेमाघरों में 100 से 500 रुपए तक प्रत्येक शो की राशि वसूल की जाती है। इसके एवज में नगर निगम को नाममात्र शुल्क अदा किया जा रहा है। करीब आठ साल से एमआईसी के आदेश का हवाला देकर सिनेमाघरों की चांदी थी। नए टैक्स का मुद्दा उठते ही उसमें राजनीति लगाकर वे उसे खारिज करा देते थे। यही कारण था कि सालों से सिनेमाघर पुराने शुल्क की आड़ में चल रहे थे। इस पर निगम को हर साल करोड़ों को नुकसान हो रहा था। इस पर मेयर मालिनी गौड़ व निगम कमिश्नर मनीष सिंह की नजर पड़ी तो उन्होंने सारे दस्तावेज खंगालना शुरू कर दिए।
इसमें पता चला कि सिनेमाघरों से निगम को सालभर में लाखों रुपए ही शो टैक्स के नाम पर मिल रहे थे। इस कारण दोबारा शासन की नई गाइडलाइन के हिसाब से मंथन कर दस्तावेज तैयार किए गए और नया टैक्स लागू कर दिया गया। इस पर मेयर इन काउंसिल ने भी सहमति दे दी। इससे निगम के खजाने में करोड़ों रुपए की वृद्धि होगी। इसमें सिनेमाघर मालिकों को टैक्स का करंट लगेगा।
जनता से लेते हैं पैसा तो निगम को भी दें
शहर की जनता से टॉकीज में मनमाफिक राशि ली जाती है, लेकिन टैक्स के रूप में निगम को आठ साल से चले आ रहे नियम के तहत राशि दी जाती है। यही कारण है कि अफसरों ने रणनीति बनाई और टॉकीज को टैक्स के नए दायरे में शामिल कर लिया गया। जहां पहले चार श्रेणी हुआ करती थीं, अब नए नियम में तीन रहेगी। इसमें राशि कई गुना बढ़ा दी गई है। इससे निगम को करोड़ों रुपए की आमदनी सिर्फ सिनेमाघरों से होगी।
स्वीकृति मिलते ही कर देंगे लागू
निगम हित में सिनेमाघरों से वसूले जाने वाले प्रदर्शन कर (शो टैक्स) की दर में वृद्धि कर रहे हैं। शासन की गाइडलाइन के तहत दर वृद्धि का प्रस्ताव एमआईसी में भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
- लोकेंद्रसिंह सोलंकी, उपायुक्त, निगम
...और मिल गई स्वीकृति
सिनेमाघरों में वृद्धि का प्रस्ताव एमआईसी में रखा गया था। यहां से स्वीकृति मिल गई है।
- मनीष सिंह, कमिश्नर