- केपी सिंह
इंदौर। देश के चुनिंदा ‘स्मार्ट’ शहरों में शुमार इंदौर में स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट तेज रफ्तार से दौड़ रहा है। शहरी सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। इसके तहत इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड का गठन किया है। अब स्मार्ट सिटी के एबीडी एरिये के तहत 742 एकड़ में इसे विकसित किया जाएगा। इसमें 1.25 लाख जनसंख्या है, जिसमें अब बिजली बनाकर बेची जाएगी।
मतलब, अब स्मार्ट सिटी में देवधर्म फिल्टर प्लांट में 60 किलो वॉट का प्लांट लगाया जा रहा है। इसी तरह रीजनल पार्क में 50 किलो वॉट का प्लांट लगाया जाएगा। 13 शासकीय स्कूलों में 30 किलो वॉट के सौर ऊर्जा के प्लांट प्रथम फेज में लगाए जाएंगे। इसमें बिजली बनाकर इस्तेमाल सरकारी इमारतों में किया जाएगा। अतिरिक्त बिजली बनने पर उसका भुगतान भी मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया जाएगा। केंद्र शासन सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना चाहता है। यही कारण है कि स्मार्ट सिटी में निगम खुद द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली बिजली का 10 फीसदी हिस्सा अब खुद पैदा करेगा। इसके लिए जगह-जगह सोलर एनर्जी के प्लांट लगाएगा। ये सारी प्रक्रिया स्मार्ट सिटी के तहत की जा रही है, जिसमें कंपनी को 51.57 लाख का भुगतान किया जा चुका है। अफसरों के अनुसार अगर स्मार्ट सिटी में रोजाना एक लाख बिजली यूनिट की खपत हो रही है, तो उसका 10 प्रतिशत यानी 10 हजार यूनिट सोलर पावर से तैयार करना है। ये स्मार्ट सिटी की गाइडलाइन में शामिल है।
जगमगाएगी स्मार्ट सिटी
स्मार्ट सिटी के कार्यपालन यंत्री अनूप गोयल ने बताया स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शासकीय छतों पर सोलर एनर्जी के प्लांट लगाए जा रहे हैं, जो बिजली बनेगी, उसे कॉमन ग्रिड भेजा जाएगा। इसका एक सिस्टम तैयार किया जाएगा? इसमें शेड्यूल मशीन सिस्टम होगा। इसमें जो सोलर पावर जनरेशन होगा। दिन में जो बिजली की खपत होगी, उसे प्लस, माइनस कर काटा जाएगा। इसके बाद जो भी बची राशि होगी, उसका भुगतान किया जाएगा और सरप्लस रहे तो उसे बिजली बिलों में एडजस्ट करा सकेंगे।
15 स्थानों पर लगाएंगे प्लांट
शुरुआती दौर में 15 स्थानों पर प्लांट लगाए जाएंगे। एक किलो वॉट प्लांट लगाने पर करीब 50 से 60 हजार रुपए खर्च होते हैं। दो किलो वॉट का खर्चा एक लाख और 20 किलो वॉट पर 10 लाख रुपए खर्च आएगा। एक किलो वॉट में तीन से चार यूनिट बिजली पैदा होती है और 20 किलो वॉट में 60 से 80 यूनिट बिजली रोज पैदा होगी।
स्ट्रीट लाइट में हर माह करोड़ों का बिल
नगर निगम हर माह स्ट्रीट लाइट का बिजली का बिल डेढ़ से दो करोड़ रुपए जमा करता है। छह से सात मेगावॉट बिजली स्ट्रीट लाइट में इस्तेमाल होती है, जिससे 77 हजार स्ट्रीट लाइट जलती है। अब निगम इन्हें भी सौर ऊर्जा से रोशन करने का सोच रहा है, ताकि करोड़ों का खर्च रोका जाए।
ये भी है प्लानिंग
दूसरे दौर में सिरपुर तालाब के पीछे खाली एरिया, भानगढ़ स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और मल्टीलेवल पार्किंग की छत पर प्लांट लगाए जाएंगे। इसके अलावा निगम मुख्यालय, बड़े मैदान या खाली सरकारी जमीन, शासकीय स्कूलों की छत पर भी छोटे प्लांट लगाए जाएंगे।
इंदौर की कर चुके प्रशंसा
भारतीय सौर ऊर्जा निगम के तहत एमओयू किया गया है, जिसमें निगम ने कई स्थानों पर सोलर पैनल लगाने की रणनीति बनाई है। इस प्रणाली के लिए केंद्र शासन ( नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय) से सब्सिडी प्राप्त होगी। सौर ऊर्जा पेनल स्थापित करते हुए 700 किलोवॉट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। दरअसल, प्रोजेक्ट को लेकर मेयर मालिनी गौड़ ने केंद्रीय मंत्री को भी अवगत कराया, जिसपर उन्होंने देशभर की स्मार्ट सिटी में इंदौर की प्रशंसा की।
बिजली कंपनी लगा चुकी है प्लांट
बिजली कंपनी ने प्लांट लगाने का जिम्मा गुड़गांव की कंपनी को दिया। पोलोग्राउंड स्थित बिजली कंपनी की बिल्डिंग की छत पर ये प्लांट लगाया गया है। इससे बिजली सीधे ग्रिड में जा रही है। 24.3 किलोवॉट बिजली उत्पादन हो रहा हैं। इसी तरह कंपनी अब अन्य स्थानों पर प्लांट लगाने की तैयारी में है।
...और शुरू हो जाए सौर ऊर्जा का उत्पादन
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में चुने गए शहरों को सौर ऊर्जा से भी बिजली पैदा करने के लिए ये प्लांट लगाने हैं। इसमें इंदौर ने लीड लेने के उद्देश्य से इसकी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। प्रोजेक्ट का काम शुरू किया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द सौर ऊर्जा का उत्पादन शुरू हो, ताकि इंदौर देश के चुनिंदा स्मार्ट शहरों में सबसे अव्वल रहे।
- मनीष सिंह, कमिश्नर, नगर निगम
प्रोजेक्ट पर शुरू हो गया काम
स्मार्ट सिटी के तहत शहर में सोलर एनर्जी को बढ़ावा दिया जाएगा। निगम ने पहले 15 स्थानों को चिह्नित किया है, जहां सौर ऊर्जा के प्लांट लगाए जाएंगे। इससे बिजली बनेगी और उसकी खपत भी बिल्डिंग में हो सकेगी। इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है।
-मालिनी गौड़, मेयर