- शैलेंद्र जोशी
इंदौर। इस बार नवरात्रि महासंयोग लेकर आ रही है। मां जगदंबा प्रसन्न चित्त होकर पालकी में बैठकर आएंगी और पालकी में ही बैठकर विदा होंगी। साधकों के लिए शक्ति के पर्व नवरात्रि के नौ दिन सुख-समृद्धिदायक होंगे। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी गुरुवार से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना होगी, जो कि 29 सितंबर तक चलेगी।
आज से शक्ति उपासना का पर्व शुरू
ज्योतिषियों की मानें तो मां दुर्गा का आगमन पालकी से होगा व गमन भी पालकी से ही होगा, जो अति शुभ है। गणेशाचार्य कैलाश नागर के मुताबिक पालकी पर मां अपने साथ भक्तों के लिए वैभव और सुख-समृद्धि लाएंगी। इस बार गुरुवार के दिन हस्त नक्षत्र में घटस्थापना के साथ शक्ति उपासना का पर्व काल शुरू होगा। इसी तरह पं. श्रीराम दीक्षित ने बताया गुरुवार के दिन हस्त नक्षत्र में यदि देवी आराधना का पर्व शुरू हो, तो यह देवीकृपा व इष्ट साधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। शास्त्रों में नवरात्रि के दौरान मां अंबा के आगमन व प्रस्थान के लिए वार के अनुसार वाहन बताए गए हैं।
देवी आगमन का वाहन
रविवार और सोमवार- हाथी
शनिवार और मंगलवार- घोड़ा
गुरुवार और शुक्रवार- पालकी
बुधवार को नौका से आगमन
देवी के प्रस्थान वाहन
रविवार और सोमवार- भैंसा
शनिवार और मंगलवार- सिंह
बुधवार और शुक्रवार- हाथी और पालकी
गुरुवार को नर वाहन पर प्रस्थान।
अन्य योग संयोग
पंचांगों के अनुसार नवरात्रि में दशहरे तक तीन सर्वार्थसिद्धि योग और नौ रवि योगों की उपलब्धता होगी। ये संयोग भी इस नवरात्रि को खास बना रहे हैं।
21 सितंबर घटस्थापना, गुरुवार व हस्त नक्षत्र योग।
22 सितंबर द्वितीया, रवि योग
23 सितंबर तृतीया, रवि योग, सर्वार्थसिद्धि
24 सितंबर चतुर्थी, रवि योग
25 सितंबर चतुर्थी, रवि योग, सर्वार्थसिद्धि
26 सितंबर षष्ठी, रवि योग
27 सितंबर सप्तमी, रवि योग
28 सितंबर दुर्गाअष्टमी, महापूजा
29 सितंबर महानवमी, रवि योग
30 सितंबर विजयादशमी, रवि योग और सर्वार्थसिद्धि योग।