25 Apr 2024, 11:10:47 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » Exclusive news

आखिर क्‍यों! शिवराज को कहना पड़ा, मंत्री मीटिंग में आएं नहीं तो इस्तीफा दे दें

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 23 2017 1:06PM | Updated Date: Apr 24 2017 10:13AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

मुख्‍यमंत्री के इस यू टर्न पर Dabangdunia.co के संपादक पंकज मुकाती का विमर्श...
 
इंदौर। शिवराज सिंह चौहान। काम ज्यादा, बोल कम। चेतावनी, धमकी, नसीहत। ये शब्द शिवराज के शब्दकोश में नहीं हैं। पर मोहनखेड़ा से कुछ अलग निकला। यहां मुख्यमंत्री ने अपने सुर बदले। बदलाव भी एक दम यू टर्न जैसा। बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में शिवराज ने चेतावनी दी। वो भी अपने मंत्रियों को। सीधे-सीधे वे बोले-जो मंत्री संगठन की बैठक में नहीं आ सकते, वे इस्तीफा दे दें। अफसरों तक को कभी चेतावनी न देने वाले का ये अंदाज बड़ा संदेश है। इसके दो मायने हैं। 
 
पहला-संगठन को सत्ता से ऊपर स्थापित करना। दूसरा-मंत्रियों और बड़े नेताओं को चुनाव के पहले उनकी जमीन दिखाना। दरअसल बीजेपी की सत्ता तो मजबूत हुई, पर संगठन लगातार कमजोर हो रहा है। पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का मामला उठता रहा है। पार्टी पिछले चौदह साल से सत्ता में है। इन चौदह सालों में साल दर साल कार्यकर्ता कमजोर होता गया। बीजेपी का भी कांग्रेसीकरण हो रहा है। कांग्रेसीकरण यानी सत्ता और संगठन में दूरी। 
 
कांग्रेस के मंत्रियों में भी गुरुर था कि वे अपने दम पर हैं, वे और उनके आसपास की ‘जी हुजूर’ मंडली ही संगठन है। बीजेपी पर चूंकि संघ का सेंसर लगा हुआ है इसलिए कोई मंडली उस पर कब्जा नहीं कर पाई। फिर शिवराज को ऐसा क्यों कहना पड़ा? मोहनखेड़ा में कई बड़े नेता और मंत्री नहीं पहुंचे। जो पहुंचे वे भी पूरे दो दिन नहीं रुके।
 
कुछ तो सिर्फ मुंह दिखाई की रस्म करके लौट गए। इसमें से तीन-चार तो ऐसे हैं जो सिर्फ कुछ घंटे तफरीह के लिए आए। किसी भी मंत्री, बड़े नेता के पास संगठन के लिए 48 घंटे की फुर्सत नहीं हो, इसे क्या कहा जाएगा। वाकई मंत्रियों और बड़े नेताओं का ये रवैया खतरे की घंटी है। शिवराज चूंकि संगठन की तगड़ी समझ वाले नेता हैं, उनमें मुख्यमंत्री होने के बावजूद बीजेपी का कार्यकर्ता वाला भाव जिंदा है। इसीलिए वे इस खतरे की घंटी की आवाज सुन सके। 
 
शिवराज ने ये तक कहा कि जब राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में पूरे समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह  मौजूद रह सकते हैं, तो आप लोग क्यों नहीं। मोहनखेड़ा में ‘शिवराज बोलते नहीं’ की आम धारणा टूटी। मोहनखेड़ा से निकली आवाज बीजेपी की सत्ता व संगठन की ताकत के तालमेल की शुरुआत होगी। 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »