रफी मोहम्मद शेख इंदौर। नोटबंदी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के बाद अब प्रॉविडेंट फंड आॅर्गनाइजेशन ने भी अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। उसने प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) के खातों के लिए प्रत्येक कर्मचारी का बैंक अकाउंट होना जरूरी कर दिया है। यानी नियोक्ता को अब पीएफ काटने वाले कर्मचारी की सैलेरी बैंक में ही जमा करवाना पड़ेगी। जिनका अकाउंट नहीं होगा, उनका पीएफ नहीं कटेगा।
40 लाख 58 हजार सदस्य हैं
आॅर्गनाइजेशन के रीजनल कमिश्नर अजय मेहरा के अनुसार, मुख्यालय के आदेश में साफ किया गया है कि प्रत्येक पीएफ सदस्य का बैंक अकाउंट खुलवाया जाए। यह सारी कवायद संस्थानों द्वारा पिछले दरवाजे से पीएफ देकर वास्तविक रकम की चोरी रोकने के लिए की जा रही है। सबसे पहले ऐसे सदस्यों को टारगेट किया गया है जिनके यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) हैं। मप्र में वर्तमान में कुल 40 लाख 58 हजार 58 पीएफ सदस्य हैं, जिनमें से यूएएन सदस्यों की संख्या 26 लाख 23 हजार 121 है। यूएएन के लिए सदस्य को कोई न कोई केवायसी देना जरूरी होता है। इसमें आधार कार्ड, पेन कार्ड, बैंक अकाउंट, पासपोर्ट, मतदाता परिचय-पत्र आदि फोटोयुक्त पहचान-पत्र शामिल है। खास बात यह है कि इनमें केवायसी के रूप में केवल बैंक अकाउंट देने वाले सदस्यों की सख्या आधे से कम यानी 11 लाख 79 हजार 875 है।