विनोद शर्मा इंदौर। स्मार्ट सिटी के नाम पर सैकड़ों मकानों को जमींदोज करने वाली नगर निगम कुख्यात भू-माफिया रणवीरसिंह उर्फ बॉबी छाबड़ा की सर्वानंदनगर में जारी मनमानी का मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रही है। इसका ताजा उदाहरण आठ प्लॉटों पर आकार ले रही थ्री स्टार होटल है जो टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, नगर निगम और जिला प्रशासन की मंजूरी के बिना ही आसमान छूने लगी है।
सर्वानंद कॉलोनी में होटल एसपी-13 के पास औसत 1021 वर्गफीट/प्लॉट के आठ प्लॉटों को जोड़कर एक होटल बनाई जा रही है। होटल को बीआरटीएस पर माता गुजरी स्कूल के पास द कैफे स्क्वेअर चलाते आ रहे भाटिया परिवार की बताई जा रही है। यहां सिविल वर्क हो चुका है, सेंट्रल एसी की लाइन और बिजली की फिटिंग जारी है। इस होटल में प्रस्तावित कमरों की संख्या 40 से ज्यादा बताई जा रही है। ग्राउंड फ्लोर पर रेस्टोरेंट का काम भी जारी है।
नगर निगम की मदद से हुए निर्माण
सर्वानंद गृह निर्माण सहकारी संस्था ने पीपल्याराव की जिस जमीन पर सर्वानंदनगर नाम की कॉलोनी काटी है उसका 1975 से लेकर 2021 तक के मास्टर प्लान में भू-उपयोग औद्योगिक है, इसीलिए कॉलोनी को कभी सरकारी मान्यता नहीं मिली। इसके बावजूद अधिकारी यहां हो रहे निर्माण पर रोक नहीं लगा सके। लोगों के मकान बनने के बाद अब यहां होटल, होस्टल और मार्केट की बाढ़ आ गई है।
मौके पर निर्माण
यहां तीन ओर से सड़क की जमीन को कवर कर कुल 8500 वर्गफीट पर निर्माण किया जा रहा है। बेसमेंट में दो सीढ़ियां और लिफ्ट डक्ट हैं। बेसमेंट और पेंट हाउस सहित 23 हजार वर्गफीट से ज्यादा का कंस्ट्रक्शन है।
इसलिए अवैध है होटल
चूंकि कॉलोनी सर्वानंद गृह निर्माण सहकारी संस्था ने काटी है इसीलिए यहां भू-उपयोग औद्योगिक होने के बावजूद सदस्यों के लिए आवासीय प्लॉट ही विकसित किए गए।
मप्र भूमि विकास अधिनियम के तहत प्लॉटों का संयुक्तिकरण प्रतिबंधित है। इसके बावजूद यहां आठ प्लॉटों को जोड़कर होटल बनाई जा रही है। होटल के ऊपरी हिस्से में बड़ा पेंट हाउस भी है। दो तरफ नौ मीटर चौड़ी और तीसरी तरफ छह मीटर चौड़ी सड़क है। निर्माण रोड तक है, सड़क पार्किंग नहीं छोड़ी। बेसमेंट में भी पार्किंग एरिये में सर्विस उपयोग के लिए जगह कवर है।
मास्टर प्लान 2021 के अनुसार जिस प्लॉट का फ्रट (सामने का हिस्सा) 25 फीट या उससे ज्यादा चौड़ा हो वहां एमओएस फ्रंट में तीन मीटर, पीछे 1.5 मीटर और बार्इं ओर 2.5 मीटर छोड़ना होगा। यहां जिन आठ प्लॉटों को जोड़ा गया है उनका फ्रंट 25 और 26.3 फीट है, यानी एमओएस भी हजम।
कोई भी गृह निर्माण सहकारी संस्था किसी भी व्यक्ति या उसकी पत्नी या नाबालिग बच्चों के नाम पर सिर्फ एक प्लॉट दे सकती है। दो या उससे ज्यादा नहीं। भाटिया परिवार को आठ प्लॉट कैसे आवंटित हुए, यह जांच का विषय है।