नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने ‘संविधान (126वां संशोधन) विधेयक 2019’ का समर्थन किया लेकिन कहा कि एंग्लो इंडियन मामले में सरकार सदन को गुमराह कर रही है और इस संबंध में गलत आँकड़े पेश कर रही है। कांग्रेस के हिबी ईडेन ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार एंग्लो इंडियन की संख्या 296 बता रही है जबकि इस समुदाय की आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार अकेले एर्नाकुलम जिले में इस समुदाय के लोगों की आबादी 20 हजार से ज्यादा है।
उन्होंने देश के विकास में इस समुदाय के लोगों की ऐतिहासिक भूमिका की सरहाना की और कहा कि उनके बारे में सरकार के पास सही आँकड़ा नहीं है इसलिए सरकार को इस समाज के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक विकास के बारे में अध्ययन के लिए समिति का गठन करना चाहिए। न्होंने कहा कि एंग्लो इंडियन समुदाय में वे लोग हैं जिनके पूर्वज यूरोप से थे लेकिन देश के विकास में उनकी अहम भूमिका रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस समुदाय की आबादी बहुत कम बताई है।
इस समुदाय के लोग उत्तराखंड में पाँच हजार, छत्तीसगढ़ में पाँच हजार, तेलंगाना में 25 हजार और तमिलनाडु में 45 हजार है। अन्य कई राज्यों में इनकी आबादी हजारों में हैं। ससे पहले प्रसाद ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि कांग्रेस सदस्य विषय से हटकर बोल रहे हैं। इस पर तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि इस विषय को विधेयक में रखा गया है।
अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदस्य गलत बोल रहे हैं इसमें एंग्लो इंडियन का मुद्दा नहीं है। इसको लेकर कुछ देर शोर-शराबा हुआ लेकिन बाद में अध्यक्ष ने कहा कि सदस्यों की बात सही है और विधेयक में यह मामला है। उन्होंने मंत्री से पूछा कि क्या यह मामला विधेयक में है तो श्री प्रसाद ने कहा कि एंग्लो इंडियन के विस्तार की बात की गयी है। अध्यक्ष ने कहा कि सदन से गलत संदेश नहीं जाना चाहिए इसलिए वह स्थिति को स्पष्ट कर रहे हैं।