नई दिल्ली। दूध एवं दुग्ध उत्पाद क्षेत्र की प्रमुख कंपनी मदर डेयरी ने स्वच्छ वातावरण की अपनी प्रतिबद्धता के तहत पूरे देश में उपभोक्ताओं द्वारा इस्तेमाल के बाद प्लास्टिक को संग्रहित कर रीसाइंकिलग का अभियान शुरू करने की घोषणा की है। कंपनी ने बुधवार को यहां जारी बयान में कहा कि महाराष्ट्र में इस वर्ष मई में यह अभियान शुरू किया गया था जिसमें अब तक लगभग 1000 टन प्लास्टिक को रीसाइकल किया जा चुका है। कंपनी का लक्ष्य मार्च 2020 तक 25 राज्यों में 832 टन अतिरिक्त प्लास्टिक को रीसाइकल करने का है। रीसाइंकिलग के इनप् रयासों की शुरूआत दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड और बिहार में की जा चुकी है। कंपनी ने कहा कि वह 4 दशक से अधिक समय से ऑटोमेटेड बल्क मिल्क वेंडिग मशीन का उपयोग कर रही है जिसे टोकन वाले दूध के नाम से जाना जाता है, जो सीधे निर्माता से उपभोक्ता तक प्रभावी कोल्डचेन के ज़रिए दूध उपलब्ध कराती है।
यह किसी भी तरह की प्लास्टिक पैकेंजिग से मुक्त है। अपनी शुरूआत से ही इस सिस्टम ने कंपनी एवं उपभोक्ताओं को प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने में मदद की है और आज यह दिल्ली/एनसीआर में सालाना लगभग 900 टन प्लास्टिक के उपयोग को रोकती है। उसने कहा कि प्लास्टिक के संग्रहण एवं रीसाइंकिलग पहल की शुरूआत उपभोक्ताओं द्वारा इस्तेमाल के बाद प्लास्टिक के खतरे को हल करने के लिए जून 2018 में शुरू की गयी थी। इसके लिए एक्सटेंडेड प्रोड्युसर रिस्पॉन्सिबिलिटी प्रोग्राम (ईपीआर) शुरू किया गया। इस पहल के तहत मदर डेयरी प्रोड्युसर रिस्पॉन्सिबिलिटी ओर्गेनाइज़ेशन (पीआरओ)की मदद से मई 2019 तक लगभग 1073 टन प्लास्टिक को संग्रहित एवं रीसाइकल कर चुकी है। इसमें 183 मीट्रिक टन मल्टी-लेयर्ड पैकेंजिग (एमएलपी) और 890 टन नॉन-मल्टी-लेयर्ड पैकेंजिग शामिल है। कंपनी महाराष्ट्र में शत प्रतिशत ईपीआर का कार्यान्वयन कर रही है।