नई दिल्ली। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि करार देते हुए आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में सरकार के प्रति अपनी एकजुटता जाहिर की है लेकिन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के दुरुपयोग की भी आशंका जतायी है। कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव और तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन समेत अन्य नेताओं ने राज्यसभा में एनआईए संशोधन विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए यह आशंका व्यक्त की। सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है और उनकी पार्टी इसके लिए सरकार के साथ है।
एनआईए की स्थापना आतंकवाद के मामलों की जांच के लिए की गयी थी लेकिन इस एजेंसी की दोषसिद्ध करने की दर बेहद कम रही है। प्रस्तावित संशोधनों से एनआईए के अधिकार बढ़ जाएगें और इसका दायरा पूरा विश्व होगा। उन्होने कहा कि ये संशोधन करने से पहले सरकार को विदेशी सरकारों के साथ इस संबंध में संधियां करनी चाहिए जिससे एनआईए विदेशों में जांच कर सके। उन्होने कहा कि प्रस्तावित संशोधनों से राज्य सरकारों के अधिकारों का अतिक्रमण होगा। इसलिए ये संशोधन लाने से पहले राज्य सरकारों के साथ सलाह करनी चाहिए।
उन्होने मालेगांव, अजमेर विस्फोट, सोहराबूद्दीन मामला और समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि एनआईए का दुरुपयोग किया जा सकता है। सरकार को इससे बचने के उपाय विधेयक में करने चाहिए। कांगेस नेता ने कहा कि संशोधन में अलग अदालतें तय करने का प्रावधान किया गया है। इससे स्थानीय अदालतों पर भार बढ़ेगा। सिंघवी ने कहा कि विधेयक के जरिए ‘भारत के हितों के खिलाफ’ मामलों में एनआईए जांच कर सकेगी। उन्होंने कहा कि इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए।