नई दिल्ली। भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी ने कहा है कि हिरोशिमा में एफआईएच महिला सीरीज फाइनल्स के खिताबी मुकाबले में जापान को हराकर टूर्नामेंट जीतना काफी सुखद था क्योंकि टीम ने इस तरह जापान से पिछले वर्ष के एशियाई खेलों के फाइनल में मिली हार का बदला चुका लिया। भारतीय महिला टीम ने हिरोशिमा में फाइनल में पहुंचने के साथ इस साल के आखिर में होने वाले ओलंपिक क्वालिफायर टूर्नामेंट का टिकट हासिल कर लिया।
भारत ने जापान में ग्रुप मैचों में उरूग्वे को 4-1 से, पोलैंड को 5-0 से, फिजी को 11-0 से, सेमीफाइनल में चिली को 4-2 से और फाइनल में मेजबान जापान को 4-1 से हराया। भारत को गत वर्ष जकार्ता एशियाई खेलों के फाइनल में जापान से 1-2 से हार का सामना करना पड़ा था जिससे महिला टीम टोक्यो ओलंपिक के लिये सीधे क्वालीफाई करने से चूक गयी थी। जापान से स्वदेश लौटने के बाद रानी ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कहा हम एशियाई खेलों के फाइनल में जापान से हार गये थे और हमें रजत से संतोष करना पड़ा था।
लेकिन जापान को उसी के घर में हराकर खिताब जीतना एक सुखद अहसास है। रानी ने खिताबी मुकाबले को याद करते हुये कहा,‘‘ फाइनल से पहले मैंने अपनी खिलाड़यिों से यही कहा था कि हमें फाइनल के बाद कोई अफसोस नहीं होना चाहिये कि हम बेहतर खेले लेकिन जीत नहीं सके। हम यहां 500 रैंकिंग अंकों के लिये आये थे और हमें एक टीम के रूप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना था और यह सुनिश्चित करना था कि हम सफलता हासिल करें।