नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी एस आर मोहंती की मध्य प्रदेश के नये मुख्य सचिव के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई को तैयार हो गया है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मनोहर दलाल की याचिका सुनने पर सहमति जता दी और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके छह हफ्ते में जवाब देने को कहा है।
याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता महिंदर सिंह ने दलील दी कि मौजूदा मामले से साफ पता चलता है कि मोहंती ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया। वर्ष 1982 बैच के आईएएस अधिकारी मोहंती की नियुक्ति इस आधार पर रद्द करने की मांग की गई है कि वह राज्य औद्योगिक विकास निगम से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में कथित रूप से शामिल थे।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने दलील दी कि मोहंती द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग किये जाने की इस बात से भी पुष्टि होती है कि उन्होंने गत वर्ष 31 दिसंबर को मुख्य सचिव पद संभाला था और उन्होंने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रहे आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के महानिदेशक को दो जनवरी को ही हटा दिया। उन्होंने अदालत को बताया कि डीजी की नियुक्ति छह महीने पहले ही हुई थी। याचिकाकर्ता ने मोहंती के खिलाफ ईओडब्ल्यू द्वारा दायर मामले को भी सीबीआई को सौंपने की मांग की है।