नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) टीम से बाहर किए गए करुण नायर और मुरली विजय से एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाली राष्ट्रीय चयन समिति की ‘संवाद नीति’ पर की गई उनकी टिप्पणी के बारे में स्पष्टीकरण मांग सकता है। पता चला है कि विजय और नायर दोनों ने केंद्रीय अनुबंधित क्रिकेटरों के लिए बने नियमों का उल्लंघन किया है। न तो चयन समिति और न ही बीसीसीआई अधिकारियों को उनकी मीडिया के सामने की गई टिप्पणी पसंद आई।
चयन नीति पर बोलकर अच्छा नहीं किया
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘‘विजय और करुण ने चयन नीति पर बोलकर अच्छा नहीं किया। यह केंद्रीय अनुबंध का उल्लघंन है। केंद्रीय अनुबंध के अनुसार कोई भी खिलाड़ी हाल में समाप्त हुए दौरे के बारे में 30 दिन तक कुछ नहीं बोल सकता। हैदराबाद में 11 अक्टूबर को सीओए की बैठक है और वहां इस मुद्दे को उठाया जा सकता है।’’
प्लेइंग इलेवन में नहीं मिली थी जगह
इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट टीम में शामिल किए करुण नायर को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिल पाई थी। इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी टेस्ट में तिहरा शतक जड़ने वाले करुण नायर को नजरअंदाज कर हनुमा विहारी को इस मैच में खिलाया गया था। इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक जड़ने वाले इस खिलाड़ी ने हाल ही में 'क्रिकबज' को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने कहा था, यह सामान्य रूप से किसी भी व्यक्ति के लिए सह पाना मुश्किल है। एक व्यक्ति ऐसी स्थिति को नहीं संभाल सकता। हालांकि, टीम प्रबंधन और अन्य सभी ने यह फैसला लिया था और इसीलिए, मुझे इसे स्वीकार करना था।
स्वतंत्र कार्य करती है चयन समिति
हाल में करुण नायर और मुरली विजय दोनों ने मीडिया में चयन समिति पर ‘संवाद की कमी’ का आरोप लगाया था जबकि मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने इस आरोप से इनकार किया था। सीओए प्रमुख विनोद राय ने यहां शनिवार को बैठक के बाद कहा, 'यह सब बकवास है। चयन समिति की ओर से इस तरह का मामला नहीं आया है। हमारी चयन समिति स्वतंत्र कार्य करती है। जहां तक विजय और करुण के बयानों का संबंध है तो हमने उन पर फैसला करने का अधिकार चयनकतार्ओं पर छोड़ दिया है।'
मुरली के बयान से चयनकर्ताओं को काफी दुख
करुण को इंग्लैंड में पूरी पांच मैचों की सीरीज में टीम में शामिल नहीं किया गया जबकि विजय को इंग्लैंड के खिलाफ पहले तीन टेस्ट मैचों के बाद बाहर कर दिया गया और फिर वह एसेक्स के लिए तीन मैच खेलने चले गए। पता चला है कि चयनकर्ताओं को करुण नायर के बजाय विजय मुरली के बयान से ज्यादा दुख हुआ है क्योंकि वह काफी अनुभवी हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'अगर विजय को बताया गया नहीं होता तो वह एसेक्स के लिए काउंटी में नहीं खेला होता। वह सच्चाई नहीं बयां कर रहा।'
करुण ने कहा था बल्ले से दूंगा जवाब
करुण नायर ने कहा था, मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता था, लेकिन मुझे जब भी मौका मिलेगा मैं अपने बल्ले से जवाब दूंगा। मैं इस बारे में और कुछ भी नहीं कह सकता। वहीं, टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज मुरली विजय ने भारतीय टीम के चयनकर्ताओं पर जमकर निशाना साधा था। उनका कहना था कि टीम से बाहर किए जाने के बाद उनसे टीम मैनेजेंट की तरफ से किसी ने बात तक करने की कोशिश नहीं की। मुरली विजय ने एक अंगे्रजी अखबार से बातचीत के दौरान कहा था, 'उन्हें टीम से बाहर किए जाने से पहले कोई जानकारी नहीं दी गई थी। विजय से पूछा गया कि क्या टीम मैनेजमेंट ने उन्हें बाहर करने से पहले बातचीत की थी। उसपर उन्होंने कहा, बिल्कुल भी नहीं। न तो मुख्य चयनकर्ता और न ही टीम से जुड़े किसी अन्य सदस्य ने इंग्लैंड में मुझे इसकी जानकारी दी।