नई दिल्ली। भारत का इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बेशक निराशाजनक प्रदर्शन रहा था लेकिन टीम इंडिया शनिवार से संयुक्त अरब अमीरात में शुरू होने वाले एशिया कप में सातवीं बार खिताब जीतने के इरादे से उतरेगी। भारतीय टीम ने उसके नियमित कप्तान विराट कोहली को एशिया कप से विश्राम दिया है जबकि ओपनर रोहित शर्मा इस टूर्नामेंट में टीम की कप्तानी संभालेंगे। भारतीय टीम टेस्ट मैच में बेशक इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी हो लेकिन सीमित ओवरों में उसका प्रदर्शन शानदार रहा है। एशिया कप में भारत का दबदबा रहा है और अब तक छह बार उसने यह खिताब जीता है।
भारत ने एशिया कप को पांच बार एकदिवसीय फार्मेट में और एक बार ट्वंटी-20 प्रारूप में जीता है। श्रीलंका ने पांच बार और पाकिस्तान ने दो बार एशिया कप जीता है। पहली बार एशिया कप का आयोजन 1984 में शारजाह में हुआ था और इस बार का टूर्नामेंट संयुक्त अरब अमीरात के दुबई और अबुधाबी में खेला जाएगा।
एशिया कप का फाइनल 28 सितंबर को होगा। टूर्नामेंट से पहले क्वालिफाइंग टूर्नामेंट खेला गया था जिसमें हांगकांग विजेता रहा था और उसने मुख्य टूर्नामेंट में जगह बनाई थी। एशिया कप में छह टीमों को दो ग्रुपों में बांटा गया है। ग्रुप ए में भारत और उसका चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान तथा क्वालिफायर हांगकांग हैं जबकि ग्रुप बी में अफगानिस्तान, बंगलादेश और श्रीलंका हैं। हर ग्रुप में शीर्ष दो-दो टीमें सुपर फोर में पहुंचेंगी जिसके बाद दो टॉप टीमों के बीच फाइनल होगा।
धोनी का मिलेगा साथ पिछला एशिया कप 2016 में टी-20 प्रारूप में खेला गया था और भारत ने मेजबान बंगलादेश को ढाका में फाइनल में हराकर खिताब जीता था। भारत इस बार भी खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है और अब यह टूर्नामेंट 50 ओवर के प्रारूप में होगा। भारत को सरफराज अहमद की कप्तानी वाली पाकिस्तानी टीम से कड़ी चुनौती मिलेगी। पाकिस्तान ने पिछले वर्ष आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत को हराकर खिताब जीता था और उस जीत के बाद से पाकिस्तान ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है।
भारतीय टीम अपनी रन मशीन और कप्तान विराट कोहली की गैर मौजूदगी में उतरेगी, इसके बावजूद भारत के पास सीमित ओवर प्रारूप में ऐसे धुरंधर खिलाड़ी हैं जो खिताब जीतने की क्षमता रखते हैं। टीम में पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह का होना टीम के लिये किसी रामबाण से कम नहीं है।
विकेट के पीछे खड़े धोनी किसी भी कप्तान के लिये सबसे बड़े सहायक साबित होते हैं। गेंदबाजों को सही जगह गेंद डालने की सलाह से लेकर सही डीआरएस फैसला लेने तक और मध्यक्रम में बल्लेबाजी में टीम को संभालने तक धोनी का कोई जवाब नहीं है। वनडे क्रिकेट में धोनी की नजÞरें खुद भी इस टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन कर अगले साले के विश्वकप के लिए अपनी जगह पक्की करने पर लगी होंगी।
साबित करने का मौका
कप्तान रोहित इंग्लैंड में सीमित ओवर के मैच खेलने के बाद स्वदेश लौट आए थे। रोहित साबित करना चाहेंगे कि वह इस समय टीम के सबसे बेहतरीन ओपनर हैं और भविष्य में उन्हें टेस्ट टीम के लिये भी दावेदार रखा जाना चाहिये। बल्लेबाजी में शिखर धवन इंग्लैंड की निराशा को पीछे छोड़ना चाहेंगे। टेस्ट सीरीज में शिखर का प्रदर्शन काफी निराश करने वाला रहा था लेकिन वह अपने पसंदीदा फार्मेट में लौटने जा रहे हैं। केदार जाधव, दिनेश कार्तिक, मनीष पांडे, लोकेश राहुल, अंबाटी रायडू और आॅलराउंडर हार्दिक पांड्या पर बल्लेबाजी का दारोमदार रहेगा।
तेज गेंदबाजी का जिम्मा जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, पांड्या और शार्दुल ठाकुर संभालेंगे जबकि कलाई के स्पिनरों कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जोड़ी विपक्षी बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा लेगी। चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल हारने के बाद एशिया कप भारतीय टीम प्रबंधन के लिये अपने संयोजन को आंकने का एक बेहतरीन मौका है। टीम को देखना है कि किस क्रम के लिये कौन से बल्लेबाजÞ फिट हैं और गेंदबाजी संयोजन कैसा रखा जाना है। अगले वर्ष 2019 में इंग्लैंड में होने वाले विश्वकप के लिए एशिया कप एशियाई टीमों के सामने एक बड़ी चुनौती और खुद को आंकने का शानदार मौका है।