मुंबई। भारत के पूर्व ऑलराउंडर बापू नाडकर्णी का शुक्रवार को 86 साल की उम्र में निधन हो गया। बाएं हाथ के स्पिनर बापू नाडकर्णी की गिनती दुनिया के सबसे किफायती गेंदबाजों में की जाती है। उनके नाम एक टेस्ट पारी में लगातार 21 ओवर मेडन डालने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है जो कई दशकों से कायम है।
रमेशचंद्र गंगाराम नाडकर्णी को बापू नाडकर्णी के नाम से जाना जाता रहा है। इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 1955 से 1968 के बीच 41 टेस्ट मैचों में 25.70 की औसत से 1414 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान 1 शतक और 7 अर्द्धशतक लगाए। उन्होंने इस दौरान 29.07 की औसत से 88 विकेट हासिल किए। बापू नाडकर्णी के सामने रन बनाना कितना मुश्किल था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने टेस्ट करियर के दौरान 1.67 के इकोनॉमी रेट से गेंदबाजी की थी। उन्होंने 191 फर्स्ट क्लास मैचों में 1.64 के इकोनॉमी रेट से 500 विकेट लिए थे।
बापू नाडकर्णी ने 12 जनवरी 1964 को इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट मैच (तत्कालीन मद्रास) में ऐसा कारनामा किया था जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है। उन्होंने इस टेस्ट के दौरान इंग्लैंड के बल्लेबाजों को बांधे रखा। उन्होंने इस दिन लगातार 21 ओवर मेडन डाले, अर्थात उन्होंने लगातार इतने ओवरों तक इंग्लिश बल्लेबाजों को कोई रन नहीं बनाने दिया।
वास्तव में उन्होंने इस दौरान 21.5 ओवर अर्थात 131 गेंदों तक कोई रन नहीं दिया था। यह किसी एक टेस्ट पारी में लगातार सबसे ज्यादा मेडन ओवर डालने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है जो अभी भी कायम है। उन्होंने इंग्लैंड के केन बेरिंगटन और ब्रायन बोलस के सामने यह करिश्माई प्रदर्शन किया था। इस पारी में उन्होंने 32 ओवरों में 27 ओवर मेडन डालते हुए सिर्फ 5 रन दिए थे। बापू ने इस पारी में 0.15 के इकोनॉमी रन-रेट से रन दिए थे, यह क्रिकेट जगत में 10 से ज्यादा ओवर फेंकने वाले गेंदबाज के लिए बेस्ट रिकॉर्ड है।