नई दिल्ली। क्रिकेटर इरफान पठान ने 4 जनवरी को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने के बाद अपने फैसले पर अफ़सोस जताया है। उन्होंने कहा कि वह चाहते थे कि मई और मैच खेलें और अपने विकेटों की संख्या को बढ़ाएं लेकिन अफ़सोस वे ऐसा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि लोग 27-28 साल की उम्र में अपना करियर शुरू करते हैं और उनका करियर तब समाप्त हो गया जब वे 27 साल का थे। वे अब 35 साल के हैं।
इरफान पठान ने 19 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की तरफ से पहला मैच खेला था। जबकि उनका आखिरी मैच 2012 में श्रीलंका के खिलाफ विश्व टी-20 मैच था। उन्होंने अपने संन्यास पर बात करते हुए कहा- 'जब मैं 27 साल का था तब मैंने 301 अंतरराष्ट्रीय विकेट हासिल कर लिए थे, लेकिन मेरा करियर वहीं पर समाप्त हो गया। मुझे इसका अफसोस है। मैं चाहता था कि र मैच खेलूं और अपने विकेटों की संख्या 500-600 तक पहुंचाऊं और रन बनाऊं, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।'
पठान ने कहा कि 2016 में पहली बार उन्हें लगा था कि अब वह फिर से कभी भारत की तरफ से नहीं खेल पाएंगे। जबकि उन्होंने मुश्ताक अली ट्रॉफी में सर्वाधिक रन बनाए थे। वे सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर थे और जब उन्होंने चयनकर्ताओं से बात की तो वे उनकी गेंदबाजी से बहुत खुश नहीं थे।'