कानपुर। पूर्व भारतीय क्रिकेटर फारुख इंजीनियर ने भारतीय चयनकर्ताओं को आड़े हाथ लेते हुए कई बड़े खुलासे किए। भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज फारुख इंजीनियर ने भारतीय टीम के चयनकर्ताओं के लिए कड़े शब्द का प्रयोग किया है। उन्होंने चयनकर्ताओं को ‘मिकी माउस चयन समिति’ बना दिया है।
उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा “चयन पर विराट कोहली का प्रभाव होता है और यह सही है। चयनकर्ताओं की योग्यता क्या है? सभी ने मिलकर 10-12 टेस्ट मैच खेले हैं। मैं विश्व कप के समय एक चयनकर्ता को पहचान भी नहीं पाया और पूछा कि यह कौन है क्योंकि वह भारतीय ब्लेजर पहना था। वह सभी अनुष्का शर्मा इर्दगिर्द घूमते रहते हैं।”
82 वर्षीय पूर्व विकेटकीपर ने कहा, 'मैंने इनमें से एक चयनकर्ता को विश्व कप के दौरान पहचाना भी नहीं था। मैंने किसी से पूछा 'यह कौन था जिसने भारत का ब्लेजर पहन रखा था, तो उसने बताया कि यह एक चयनकर्ता है।' वे सिर्फ अनुष्का शर्मा (विराट की पत्नी) को चाय के कप दे रहे थे। मुझे लगता है कि दिलीप वेंगसरकर के कद के किसी शख्स को चयन समिति में होना चाहिए।
फारुख पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से काफी खुश हैं। उन्होंने कहा, 'अब वक्त आया है कि एक क्रिकेटर बोर्ड को चला रहा है क्योंकि सीओए, मेरी नजर में पूरी तरह से वक्त की बर्बादी थी। उन्होंने कहा, 'मैं उस दिन पढ़ रहा था कि सीओए को अपने काम के लिए 3.5 करोड़ रुपए मिले। यह अपराध है। इसके साथ ही मुझे लगता है कि मीटिंग और अन्य चीजों के लिए उन्हें हजारों रुपये दिए गए होंगे। मुझे लगता है वे लोग हनीमून पर थे। अब हनीमून खत्म हो गया है।'