मुंबई। विश्व कप टूर्नामेंट में 2019 में दक्षिण अफ्रीकी टीम का प्रदर्शन बहुत ही निराशाजनक रहा। यह टीम पिछले साल एक भी वनडे सीरीज नहीं हारी। बता दें कि दक्षिण अफ्रीकी टीम से सबको बहुत उम्मीदें थी कि वह इस बार अच्छा प्रदर्शन करेगी। लेकिन उसके हालात बिल्कुल पहले जैसे ही रहे। इस टूर्नामेंट में दक्षिण अफ्रीका की टीम 9 मैचों में से तीन मैच जीतने में कामयाब रही और 5 मैच हार गई। जबकि एक मैच बेनतीजा रहा। लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने अपने अंतिम लीग मैच में ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया।
लेकिन हाल ही में पता चला है कि दक्षिण अफ्रीकी टीम के खराब प्रदर्शन के पीछे एक डील जिम्मेदार है और उस दिन का नाम है कोल्पाक डील, जिसके तहत खिलाड़ियों को काउंटी क्रिकेट में तरजीह मिलती है। यह डील 2004 में हुई थी। इस डील के तहत 100 देशों के खिलाड़ियों को यूरोपियन यूनियन के किसी भी देश में जाकर खेलने की इजाजत मिली।
खेल को नस्लीय रूप से न्यूट्रल बनाने के लिए अफ्रीकी देशों के खिलाड़ियों को कोल्पाक के तहत काउंटी खेलने के लिए बढ़ावा भी दिया जाता है। यही वजह है कि दक्षिण अफ्रीकी टीम के खिलाड़ी बहुत जल्दी सन्यास लेकर अपने देश के लिए क्रिकेट ना खेलकर काउंटी क्रिकेट खेलने के लिए चले जाते हैं।
ब्रेग्जिट के बाद पकड़ा जोर
इस डील से ब्रिटेन की बेहतर लाइफ़स्टाइल, काउंटी का सालाना कॉन्ट्रैक्ट, प्रदर्शन का कम दबाव और फाइनेंशियल सिक्योरिटी जैसे कई फायदे हैं। इतना ही नहीं काउंटी क्रिकेट खेलने वालों को वहां डोमेस्टिक प्लेयर का दर्जा भी मिल जाता है। इसके लिए खिलाड़ी की उम्र 18 साल होनी चाहिए और वह इंटरनेशनल लेवल पर खेला हो।
15 साल में 44 खिलाड़ी कर चुके हैं साइन
पिछले 15 साल में दक्षिण अफ्रीका के 44 खिलाड़ी इस डील को साइन कर चुके हैं। 2010 से 2016 के बीच छह खिलाड़ियों ने डील साइन की थी। जबकि 2016 से अब तक 12 खिलाड़ी इसको साइन कर चुके हैं।