हैदराबाद। इंडियन प्रीमियर लीग के 12वें सीजन के फाइनल के टिकट महज 120 सेकंड यानी 2 मिनट में बिक गए। यह प्रशंसकों के बीच इस लीग में दिलचस्पी तो बयां करता है, लेकिन इससे पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी सवाल उठ रहे हैं। दरअसल बुधवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने टिकटों की बिक्री ओपन की। वह भी बिना किसी नोटिस के, लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि इसके बावजूद कुछ सेकंडों में सारे टिकट बिक गए।
एचसीए का सवाल- मिनटों में कैसे बिक सकते हैं टिकट इस बारे में हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के कार्यकारी समिति के एक सदस्य ने सवाल उठाते हुए कहा कि फाइनल के सभी टिकट मिनटों में कैसे बिक सकते हैं? यह काफी चौंकाने वाला है और बीसीसीआई को फाइनल देखने की चाह रखने वाले प्रशंसकों को वंचित करने का जवाब देना होगा। रोचक बात यह है कि जब तक टिकटों के बारे में पता चलता तब तक सारे टिकट बिक चुके थे।
इसलिए उठे सवाल- टूर्नामेंट का फाइनल मैच हैदराबाद के राजीव गांधी इंटनेशनल स्टेडियम में 12 मई रविवार को खेला जाना है। इस स्टेडियम की क्षमता 39,000 है। अक्सर मैचों के 25,000 से 30,000 टिकट ही बिकते हैं, लेकिन इस बार ऐसा क्या हुआ किसी को पता ही नहीं चला। सूत्रों की मानें तो 1000, 1500, 2000, 2500, 5000, 10000, 12500, 15000 और 22500 रुपए के टिकट बिकने वाले थे, लेकिन इवेंट्स नाउ ने 1500, 2000, 2500 और 5000 वाले टिकट ही बेचे। अन्य 12500, 15000 और 22500 वाले टिकटों का क्या हुआ? कुछ पता नहीं चला। इस बारे में प्रशंसक सवाल उठा रहे हैं।
इवेंट्स नाउ ने कहा बीसीसीआई जवाबदेह है, हम नहीं
इवेंट्स नाउ के सुधीर रेड्डी ने इस बारे में कहा, मैं किसी भी बारे में जानकारी नहीं दे सकता। हमने उन टिकटों को बेचा, जो हमें मिले थे। इस बारे में बीसीसीआई जवाब देह है, हम नहीं। दूसरी ओर एचसीए के अधिकारी ने कहा कि इवेंट्स नाउ और बीसीसीआई को इस मामले को साफ करना चाहिए।