विशाखापट्टनम। छह सीजन बाद इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें संस्करण में जगह बनाने वाली दिल्ली कैपिटल्स बुधवार को एलिमिनेटर मुकाबले में पूर्व विजेता सनराइजर्स हैदराबाद से भिड़ेगी। एलिमिनेटर जीतने वाली टीम हालांकि सीधे फाइनल में नहीं पहुंचेगी। खिताबी मुकाबले में जाने के लिए उसे क्वालीफायर-2 में पहले क्वालीफायर में हारने वाली टीम के खिलाफ जीत हासिल करनी होगी।
दिल्ली का इस सीजन का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा है। अपनी ख्याति की काया पलट कर दिल्ली ने अपने आप को खिताबी रेस में बनाए रखा और अब वह पहली बार फाइनल में जाने से सिर्फ दो कदम दूर है। इसमें पहली रुकावट हैदराबाद है जो बीते वर्षो में लगातार दमदार खेल से खिताब की दावेदार के रूप में देखी जाती रही है। दिल्ली के लिए अधिकतर खिलाड़ियों का प्लेऑफ में खेलने का अनुभव नहीं है, ऐसे में बड़े मैच में दबाव से दिल्ली को पहले निपटना होगा।
टीम की सबसे अच्छी बात ये रही है कि टीम संतुलित है। बल्लेबाजी और गेंदबाजी के अलावा फील्डिंग में टीम ने अच्छा किया है। दिल्ली के लिए सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने निरंतरता दिखाते हुए खूब रन बटोरे हैं। धवन ऐसे खिलाड़ी हैं जो हैदराबाद के खिलाफ खिताब जीत चुके हैं। बड़े मैचों में उनका अनुभव और मौजूदा फॉर्म दिल्ली को मजबूत करेगी।
युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ और ऋषभ पंत टुकड़ों में अच्छा कर रहे हैं। वहीं कप्तान श्रेयस अय्यर का बल्ला भी लगातार रन कर रहा है। इन सभी ने दिल्ली की बल्लेबाजी को मजबूत बनाया है तो वहीं कोलिन इनग्राम, क्रिस मौरिस और शेरफाने रदरफोर्ड ने अंतिम ओवरों में कई मौकों पर टीम को तेजी से रन बनाकर दिए हैं।
हां, गेंदबाजी में कागिसो रबाडा का जाना दिल्ली के लिए बुरी खबर रही है। अपने आखिरी लीग मैचों में दिल्ली रबाडा के बिना उतरी थी। टीम के कोच रिकी पोंटिंग ने कहा था कि ट्रेंट बोल्ट में रबाडा की कमी पूरी करने की काबिलियत है, लेकिन परेशानी यह है कि बोल्ट शुरुआती ओवरों में कारगार साबित होते हैं लेकिन अंतिम ओवरों में वह कई बार राह भटक जाते हैं। दिल्ली के पास ईशांत शर्मा जैसा अनुभवी गेंदबाज भी है। स्पिन में अमित मिश्रा ने बेहतरीन किया है और दूसरे छोर पर संदीम लामिछाने उनका अच्छा साथ देने की काबिलियत रखते हैं।