चेन्नई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो दशकों की सबसे बड़ी मंदी से जूझ रहे देश के ऑटोमोबाइल क्षेत्र को मंगलवार को भरोसा दिया कि सरकार उसकी माँगों पर विचार करेगी। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले सौ दिन के फैसलों की जानकारी देते हुये सीतारमण ने आज संवाददाताओं को बताया कि सरकार देश के ऑटोमोबाइल क्षेत्र की मंदी से वाकिफ है। इस उद्योग को फिर से पटरी पर लाने के लिए उसकी माँगों पर वह विचार करेगी। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ऑटोमोबाइल क्षेत्र के कुछ सुझावों पर पहले ही विचार कर चुकी है।
भारतीय वाहन निर्माताओं कंपनियों के संगठन ने सोमवार को गत अगस्त महीने के बिक्री आँकड़े जारी किये। इसके अनुसार, बिक्री में 1997-98 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। अगस्त माह के दौरान वाहनों की कुल बिक्री पिछले साल के इसी माह की 23,82,436 की तुलना में 23.55 प्रतिशत घटकर 18,21,490 वाहन रह गयी। घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की बिक्री तो 31.57 प्रतिशत घटकर दो लाख से भी कम 1,96,524 वाहन रह गयी। देश की अग्रणी यात्री कार कंपनी मारुति सुजुकी की बिक्री अगस्त में 36.14 प्रतिशत कम रही।
ऑटोमोबाइल क्षेत्र को मंदी से उबारने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह क्षेत्र पिछले कई वर्षों से तेजी से आगे बढ़ रहा था। वस्तु एवं सेवा कर कम करने की वाहन कंपनियों की माँग पर उन्होंने कहा कि इस पर जीएसटी परिषद गौर करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को फिर से रफ्तार देने के लिए माँग बढ़ाने के उपाय कर रही है और उसका प्रयास रहेगा की चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में सुधार हो। पहली तिमाही में जीडीपी की रफ्तार घटकर पाँच प्रतिशत रह जाने के बारे में श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इस प्रकार का उतार-चढ़ाव पहले भी होता रहा है।