नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए अब तक 55,250 करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं तथा माँग आने पर और अधिक राशि दी जायेगी। वित्त मंत्री ने यहाँ सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा करते हुये संवाददाताओं से चर्चा में इन बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपये निवेश किये जाने का उल्लेख करते हुये कहा कि अब तक पंजाब नेशनल बैंक को 16 हजार करोड़ रुपये, यूनियन बैंक को 11,700 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा को सात हजार करोड़ रुपये, केनरा बैंक को 6,500 करोड़ रुपये और इंडियन बैंक को 2,500 करोड़ रुपये दिये गये हैं।
इसी तरह से इंडियन ओवरसीज बैंक को 3,800 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैक को 3,300 करोड़ रुपये, यूको बैंक को 2,100 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1,600 करोड़ रुपये और पंजाब एंड सिंध बैंक को 750 करोड़ रुपये दिये गये हैं। इस तरह कुल मिलाकर 55,250 करोड़ रुपये बैंकों को जारी किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों के बोर्ड को अपनी जरूरत के अनुरूप पूँजी की आवश्यकता के बारे में बताने के लिए कहा गया है और उनकी ओर से माँग आने पर अधिक राशि जारी की जायेगी। चालू वित्त वर्ष के आम बजट में सरकारी बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपये लगाये जाने की घोषणा की गयी थी। एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि बैंकों में सरकारी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत रखने का सैद्धांतिक निर्णय लिया गया था क्योंकि सरकारी बैंकों की अर्थव्यवस्था के साथ सामाजिक स्तर पर महती भूमिका है।