नई दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बुधवार को एयरबस के ए320 निओ विमानों के इंजनों के प्रदर्शन की समीक्षा की तथा इन विमानों का इस्तेमाल जारी रखने का निर्णय लिया। महानिदेशालय के यहाँ स्थित कार्यालय में हुई इस बैठक में ए320 निओ विमानों का इस्तेमाल करने वाली एयरलाइनों गोएयर और इंडिगो, विमान निर्माता कंपनी एयरबस तथा इंजन निर्माता कंपनी प्रैट एंड टिनी के प्रतिनिधि शामिल थे। ए320 निओ विमानों में प्रैट एंड ’टिनी के पीडब्ल्यू 1100 इंजन लगे हैं। पिछले तीन साल के दौरान इन इंजनों के हवा में ही बंद हो जाने या मुख्य गियर बॉक्स में खराबी आने के कारण उड़ान नहीं भर पाने के कई मामले आने के मद्देनजर यह समीक्षा बैठक बुलायी गयी थी। डीजीसीए ने बैठक के बाद एक बयान जारी कर कहा कि वह इन इंजनों के प्रदर्शन पर लगातार नजर बनाये हुए है तथा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के कारण इन तकनीकी खामियों को सीमित रखने में मदद मिली है।
जरूरत पड़ने पर इंजन में खराबी की स्थिति में विमान को परिचालन से बाहर भी किया जाता है। उसने विनिर्माता कंपनी को देश में पर्याप्त संख्या में इन इंजनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा है ताकि खराब इंजनों को जल्द बदला जा सके और विमान लंबे समय के लिए परिचालन से बाहर न हों। देश में 127 ए320 निओ विमान हैं जिनमें 92 इंडिगो के बेड़े में और 35 गोएयर के बेड़े में हैं। देश के विमानन क्षेत्र में उपलब्ध सीटों में 40 प्रतिशत का योगदान इन्हीं विमानों का है। दुनिया भर में 436 ए320 निओ विमान परिचालन में हैं। डीजीसीए ने बताया कि वर्ष 2017 से अगस्त 2019 तक देश में इन इंजनों के मुख्य गियर बॉक्स की खराबी के चार और लो प्रेशन टर्बाइन में खराबी के 15 मामले सामने आये हैं। इन 19 मामलों में तीन 2017 में, सात 2018 में और नौ इस साल हुये हैं। महानिदेशालय ने विश्वास दिलाया कि वह सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से सजग है और यदि जरूरत महसूस की गयी तो इन विमानों के परिचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने से भी वह पीछे नहीं हटेगा।