नई दिल्ली। वित्तीय संकट के कारण ठप निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई जेटलाइट के कर्मचारियों के सामने अजीब स्थिति पैदा हो गयी जहाँ उन्हें अपने पूरे बकाया वेतन से हाथ धोना पड़ सकता है। कर्मचारियों को अब तक उम्मीद थी कि वे जेट एयरवेज के कर्मचारी हैं और देर से ही सही, लेकिन एयरलाइन के अन्य कर्मचारियों के साथ उन्हें भी बकाया वेतन, भत्ता आदि मिल जायेगा। राष्ट्रीय कंपनी कानून प्राधिकरण द्वारा नियुक्त अंतरिम समाधानकर्ता आशिष छवछारिया ने 29 जून को जेट एयरवेज के कर्मचारियों को सर्कुलर जारी कर बकाया राशि का दावा आमंत्रित किया है। जब जेटलाइट के कर्मचारियों ने उनसे संपर्क कर पूछा तो पता चला कि जेटलाइट के कर्मचारी दावा नहीं कर सकते क्योंकि कंपनी समाधान प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है, सिर्फ जेट एयरवेज की समाधान प्रक्रिया का हिस्सा है।
इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारी विजय झा ने बताया कि पहले वह एयर सहारा में नौकरी करते थे। वर्ष 2007 में जेट एयरवेज ने एयर सहारा का अधिग्रहण कर जेटलाइट नाम से उसका परिचालन करना शुरू किया। उस समय जेटलाइट के पास 14 विमान थे। वर्ष 2008 में जेट एयरवेज के मानव संसाधन विभाग से प्राप्त पत्र में कहा गया था कि जेटलाइट के कर्मचारी जेट एयरवेज के लिए भी समान रूप से काम करेंगे। झा ने सवाल किया कि यदि जेटलाइट जेट एयरवेज से अलग है तो उसके 14 विमान कहाँ गये और कंपनी कहाँ है।