मुंबई। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने आम जनता को बड़ी राहत देते हुए कर्ज सस्ता करने का एलान किया है। वहीं बैंक को पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 838 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है।
पांच बेसिस प्वाइंट की कटौती- एसबीआई ने सभी तरह के कर्ज अवधि के लिए मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लैंडिंग रेट में 0.5 फीसदी की कटौती कर दी है। पहले बैंक 8.5 फीसदी पर कर्ज देता था, वहीं अब 8.45 फीसदी पर कर्ज मिलेगा। नई दरें शुक्रवार 10 मई से लागू हो गई हैं। पिछले एक महीने में यह दूसरी बार है जब बैंक ने एमसीएलआर को घटाया है।
10 अप्रैल से 15 बीपीएस की कटौती- बैंक ने 10 अप्रैल से लेकर के अभी तक कर्ज की ब्याज दर में 15 बीपीएस की कटौती कर चुका है। बैंक की तरफ से जारी बयान के अनुसार एसबीआई ने एक लाख से ऊपर के क्रेडिट कार्ड और ओवरड्राफ्ट को एक मई , 2019 से रेपो रेट से लिंक कर दिया है। एसबीआई के अलावा एचडीएफसी, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने एमसीएलआर में मामूली कटौती की है।
एकीकृत शुद्ध लाभ 3,069.07 करोड़ रहा- पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ 3,069.07 करोड़ रुपये रहा जबकि 2017-18 में उसे 4,187.41 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। एसबीआई की सभी कंपनियों से एकीकृत आय 3.30 लाख करोड़ रुपये रही, जो 2017-18 में 3.01 लाख करोड़ रुपये थी।
एफडी की दरों में की कटौती- हालांकि बैंक ने फिक्सड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज में कटौती कर दी है। अब दो से तीन साल की अवधि वाले एफडी पर पांच बीपीएस, तीन से पांच साल पर 10 बीपीएस और पांच से 10 साल वाले एफडी पर 15 बीपीएस की कटौती की गई है।
मार्च तिमाही में मुनाफा, एनपीए का स्तर घटा- बैंक ने 2018-19 की चौथी तिमाही में 838.40 करोड़ रुपये का एकल शुद्ध लाभ दर्ज किया है। फंसे कर्ज या गैर - निष्पादित परिंसपत्तियों का स्तर नीचे आने से बैंक को मुनाफा हुआ। बैंक को 2017-18 की जनवरी - मार्च तिमाही में 7,718.17 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था।
एकल आय करीब 11 प्रतिशत बढ़ी- बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि इस बार मार्च तिमाही में उसकी एकल आय करीब 11 प्रतिशत बढ़कर 75,670.50 करोड़ रुपये रही। एक साल पहले की इसी अवधि में एकल आय 68,436.06 करोड़ रुपये थी।
एसबीआई के ऋणों की गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया- आलोच्य अवधि में एसबीआई के ऋणों की गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया । मार्च 2019 के अंत तक बैंक की सकल एनपीए घट कर सकल कर्ज के 7.53 फीसदी के बराबर थी। मार्च 2018 के अंत में एसबीआई की सकल एनपीए 10.91 फीसदी थी। इस दौरान शुद्ध एनपीए का स्तर भी घट कर 3.01 फीसदी रह गया। एक साल पहले यह 5.73 फीसदी था।