रायपुर। छत्तीसगढ़ की महासमुंद सीट पर लगातार दो बार से तथा कांकेर सीट पर लगातार छह बार से जीत अर्जित कर रही भाजपा को इस बार राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है।राज्य में बदली राजनीतिक परिस्थितियों में इन सीटो पर भाजपा के लिए कब्जा बरकरार रखना आसान नही दिख रहा है। दूसरे चरण में गुरूवार 18 अप्रैल को इन दोनो सीटों पर होने वाले मतदान से पहले भाजपा ने इन सीटों पर कब्जा बरकरार रखन तो इन संसदीय सीटों के अनतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों पर हाल ही में हुए चुनावों में मिली सफलता से उत्साहित कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है।
ओडिशा से सटी वर्षों तक हाई प्रोफाईल सीट रही महासमुन्द संसदीय सीट का शुक्ला बंधुओ श्यामाचरण शुक्ला एवं विद्याचरण शुक्ला के अलावा राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी भी प्रतिनिधित्व कर चुके है।इस बार इस सीट पर कांग्रेस ने अभनपुर से विधायक धनेन्द्र साहू को जबकि भाजपा ने पूर्व विधायक चुन्नीलाल साहू को मैदान में उतारा है।इस सीट पर कुल 13 उम्मीदवार मैदान में है लेकिन मुख्य मुकाबला इन्ही दोनो के बीच माना जा रहा है।
साहू बाहुल्य इस क्षेत्र में दोनो ही उम्मीदवारों के एक ही जाति के होने से चुनाव और ज्यादा रोचक हो गया है।इस सीट के अन्तर्गत आने वाली आठ विधानसभा सीटों में से पांच पर कांग्रेस का तथा तीन पर भाजपा का कब्जा है।कांग्रेस उम्मीदवार श्री साहू काफी वरिष्ठ है और वह अविभाजित मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ गठन के बाद पहली जोगी सरकार में मंत्री रहे है।वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रह चुके है।जबकि भाजपा प्रत्याशी साहू एक बार विधायक रहे है।
भाजपा ने राज्य की सभी 11 सीटों पर नए उम्मीदवार उतारे है इस कारण दो बार लगातार यहां से सांसद चुने गए चन्दूलाल साहू की जगह उन्हे पार्टी ने मैदान में उतारा है। इस सीट पर विधानसभा चुनावों के मद्देनजर समीकरण जहां कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में है,वहीं इसके साथ ही राज्य में कांग्रेस की सरकार होने तथा बदली राजनीतिक परिस्थितियों का भी उसे लाभ मिल रहा है।सरकार बनने के बाद किसानों की ऋणमाफी, समर्थन मूल्य पर 2500 रूपए क्विंटल धान की खरीद किए जाने,बिजली बिल को आधा करने जैसे वादे पूरा करने का भी उसे लाभ मिल रहा है,लेकिन इसके बाद भी भाजपा का ओर से उसे चुनौती मिल रही है।