आने वाले दिनों में बीए और एमए आॅनलाइन करना संभव होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने आॅनलाइन डिग्री और डिप्लोमा शुरू करने के लिए दिशा-निर्देशों का मसौदा जारी किया है। इन्हें प्रतिक्रिया के लिए वेबसाइट पर डाला गया है।
यूजीसी के निर्देशों में कहा गया है कि, कम से कम पांच साल पुराने विश्वविद्यालय ही ये कोर्स चला सकेंगे। विवि को नैक द्वारा अच्छे ग्रेड से मान्यताप्राप्त होना चाहिए। विश्वविद्यालय वही पाठ्यक्रम आॅनलाइन शुरू कर सकेंगे, जो वह नियमित कक्षाओं के जरिये चला रहे हैं।
पूरी तरह से आॅनलाइन होगी पढ़ाई
यूजीसी से कोर्स शुरू करने के पूर्व अनुमति लेनी होगी। पढ़ाई पूरी तरह से आॅनलाइन होगी। यूजीसी सभी आॅनलाइन कोर्स के लिए आधार को अनिवार्य कर सकता है। आॅनलाइन शिक्षा से संबंधित मसौदे के मुताबिक कमीशन ऐसा फैसला कर सकता है। यूजीसी ने इस मसौदे पर 18 अगस्त तक लोगों की प्रतिक्रियाएं और टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। गुणवत्ता और जवाबदेही के लिए आॅनलाइन कोर्स चलाने वाले संस्थानों को हर दो साल में थर्ड पार्टी आॅडिट कराना होगा।
नैक सर्वे में 3.25 प्वाइंट जरूरी
विश्वविद्यालयों को इस तरह के कोर्स चलाने के लिए नैक द्वारा 4 में से कम से कम 3.25 प्वाइंट का स्कोर मिलना जरूरी है। आॅडियो-विजुअल माध्यम से होगी पढ़ा़ईइसमें आॅडियो-विजुअल लेक्चर और लिखित सामग्री होगी। आॅनलाइन कोर्स करने के लिए छात्रों को सिर्फ एक कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होगी। इससे वह कहीं भी बैठकर आॅडियो-विजुअल लेक्चर्स के माध्यम से पढ़ाई कर सकेंगे। इन कोर्सों की परीक्षा भी पूरी तरह से आॅनलाइन होगी। छात्रों को परीक्षा देने के लिए उच्च शिक्षा केंद्र में निर्धारित परीक्षा केंद्र पर पहुंचना होगा।