प्रोफेशनल दुनिया में कदम रखने की पहली सीढ़ी है इंटर्नशिप। यहां अपनी कार्यकुशलता से नियोक्ता को प्रभावित कर जॉब पाने की संभावना बढ़ा सकते हैं आप। चाहे आप मैनेजमेंट में इंटर्नशिप कर रहे हों या फिर स्टार्टअप, मीडिया, मार्केटिंग जैसे किसी भी क्षेत्र में, प्रोजेक्ट में प्रदर्शन के साथ संस्थान में आपका व्यवहार बहुत मायने रखता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि चाहे समर इंटर्नशिप हो या प्रोजेक्ट आधारित इंटर्नशिप, इंटर्न में लक्ष्य की स्पष्टता, सकारात्मकता, काम के लिए तत्परता जैसे गुणों की अपेक्षा की जाती है। अगर आप अपनी इंटर्नशिप सफल बनाना चाहते हैं और उसे जॉब में बदलना चाहते हैं तो इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर अवश्य विचार कर लें।
समूह में न जाएं : बहुत से युवा समूह या जोड़ों में इंटर्नशिप के लिए पहुंच जाते हैं और इंटर्नशिप की अवधि में आॅफिस में तफरी करते हैं या बीच में ही घूमने निकल जाते हैं। यह नजरिया सही नहीं है, क्योंकि इससे सीखने की प्रक्रिया बाधित होती है। इंटर्नशिप में अकेले जाएं और पूरी गंभीरता के साथ काम करें।
इंटर्नशिप में आपको कार्यस्थल की गतिविधियों को करीब से देखने का मौका मिलता है। संस्थान के कर्मचारियों के साथ काम करते हुए आप बहुत कुछ सीख सकते हैं, मसलन कार्यस्थल की कार्य-संस्कृति, अनुशासन, पद की गरिमा बनाए रखना, अफसरों के पद-क्रम और अलग-अलग विभागों में होने वाला काम आदि। जो भी काम आपको सौंपा जाए, उसके लिए किसी से भी मदद मांग्पने से पहले अपनी ओर से अच्छी रिसर्च करें और समाधान निकालने का प्रयास करें।
बढ़ाएं पहचान
इंटर्नशिप के दौरान काम में खुद को बेहतर साबित करने के साथ कर्मचारियों से जुड़ना बेहद महत्वपूर्ण है। अपने प्रोजेक्ट पर काम करने के साथ यथासंभव अधिक से अधिक लोगों के साथ जुड़ने और उनकी भूमिकाओं के बारे में जानने का प्रयास करें। लोगों से व्यक्तिगत रूप से जुड़ने की बजाय प्रोफेशनल रिश्ते विकसित करें, ताकि वे अपने नेटवर्क में आपका रेफरेंस दे सकें। इस तरह नेटवर्किंग करने से आप उस संस्थान ही नहीं बल्कि अन्य जगहों पर भी अच्छे जॉब आॅफर पाने में समर्थ हो सकते हैं।
सीमित दायरों से निकलें बाहर
इंटर्नशिप के दौरान दोस्ताना व्यवहार करने वाले मैनेजर के मातहत काम करने पर अकसर इंटर्न खुश रहते हैं, लेकिन अगर उनसे सीखने को न मिले तो इसका आपको कोई लाभ नहीं होगा। कड़क मिजाज और सख्त मैनेजरों के मातहत भी आप काम सीख सकते हैं, बशर्ते उनके फीडबैक को आप सकारात्मक रूप में लें। इंटर्नशिप की अवधि में आपको जो भी काम दिए जाएं, उन्हें पूरी निष्ठा और गंभीरता के साथ करें और सीखने के लिए तत्पर रहें।
क्यों जरूरी है इंटर्नशिप
इंटर्नशिप के दौरान पेशे से जुड़ी स्किल्स सीखने के लिए अच्छा मौका मिलता है। इंटर्नशिप से आत्मविश्वास बढ़ता है, जिसका फायदा जॉब इंटरव्यू में मिल सकता है। इंटर्नशिप में वास्तविक माहौल में काम करने से आपका ज्ञान बढ़ता है। यहां काम के नतीजों के आधार पर कंपनी का भविष्य तय होता है।
कई बार अपनी रुचियों के बारे में आप स्पष्ट रूप से समझ नहीं पाते। इंटर्नशिप के दौरान पेशे की बारीकियों से गुजरते हुए आप बेहतर तरीके से अपनी रुचियों के बारे में भी समझ पाते हैं और उसके अनुसार संभावनाएं तलाशते हैं।
काम के लिए दिखाएं उत्साह
जो प्रोजेक्ट आपको दिए जाएं, उन्हें जल्द से जल्द पूरा करके नया काम लेने के लिए उत्साह दिखाएं, अपनी ओर से नए आइडिया दें।