नौकरी करने वाले हर शख्स को अपने बॉस से रश्क होता है। वो उस कुर्सी पर बैठना चाहता है। टीम का बॉस बनना चाहता है। चलिए ये ख्वाहिश रखना अच्छी बात है। उसके लिए मेहनत और लगन से काम करना भी अच्छा है। मगर, क्या आप बॉस बनने के बाद मिलने वाली जिम्मेदारियों और नई चुनौतियों के लिए तैयार हैं? अक्सर लोग इसके लिए नहीं तैयार होते और उनके साथ के लोग उन्हें बताते भी नहीं कि बॉस बनने के साथ ही नई तरह की चुनौतियां भी मिलती हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए अलग तरह की काबिलियत चाहिए।
इसीलिए टीम का हर सदस्य बॉस नहीं बन पाता जिसके अंदर मैनेजमेंट के गुर होते हैं वही, कामयाब बॉस बन पाते हैं। अमरीका के सैन फ्रैंसिस्को में रहने वाले रोमन स्टैनेक, इस वक्त गुडडेटा नाम की कंपनी के सीईओ हैं। वो पहले एक इंजीनियर थे। अच्छे काम और कई प्रमोशन के बाद रोमन, 1997 में नेटबींस नाम की कंपनी के सीईओ बन गए। अब सीईओ बनना तो ठीक, मगर उस ओहदे की जिम्मेदारियां निभाना अलग बात थी। यहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं, काम का तजुर्बा ही काम आ सकता था।
यहां खुद के काम करने से ज्यादा अहम था दूसरों से काम ले पाना। दो साल बाद जब सन माइक्रोसिस्टम ने रोमन की कंपनी नेटबींस को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई, तो उन्हें इस डील को कामयाब बनाने की जिम्मेदारी मिली। जहां सन के पास इस डील के लिए लंबी-चौड़ी टीम थी, वहीं रोमन को मुट्ठी भर लोगों के साथ काम करना पड़ रहा था। ये उनके लिए बहुत मुश्किल वक्त था। कई बार तो ऐसे मौके आए कि लगा कि ये डील हो ही नहीं पाएगी। वजह ये कि दोनों कंपनियों की टीमें अपनी बातों पर अड़ जाती थीं।