नई दिल्ली। देश में इस समय 47 हजार विदेशी छात्र पढते हैं और 2022 तक इनकी संख्या बढाकर डेढ से ढाई लाख करने का लक्ष्य रखा गया है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई)और एडसिल द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है। भारत में उच्च शिक्षा के अंतरराष्ट्रीय करण के बारे में देश में यह पहला सर्वेक्षण है। इसमें देश के 77 सरकारी एवं गैर सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों को शामिल किया गया है जिसमें सभी प्रमुख भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान(आईआईटी) और भारतीय प्रबंध संस्थान(आईआईएम) तथा इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस एवं एनआईटी शामिल हैं।
यह रिपोर्ट सीआईआई के एजुकेशन समिट में आज जारी की गयी। यूनेस्को की रिपोर्ट के अनुसार 43 लाख छात्र अपने देश से बाहर उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं। इनमें चीन और भारत के छात्र सबसे ज्यादा हैं लेकिन स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम के तहत अभी भारत में केवल 47 हजार विदेशी छात्र पढते हैं और भारत विदेशी छात्रों के लिए आकर्षक केंद्र बन रहा है। विदेशी छात्रों के आकर्षण के लिहाज से दुनिया में भारत 26वें स्थान पर है। अभी तक केवल 77 उच्च शिक्षण संस्थानों में स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम के तहत विदेशी छात्र भारत में पढ रहे हैं।
वर्ष 2022 तक भारत में विदेशी छात्रों को लाने का लक्ष्य डेढ लाख से ढाई लाख किया गया है ताकि दुनिया में भारत का स्थान 26वें रैंक से 15वें रैंक पर आ सके। रिपोर्ट के अनुसार 95 प्रतिशत संस्थानों ने कहा है कि वे एडसिल, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद और अन्य सरकारी एजेंसियों के माध्यम से ही अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अपने यहां दाखिला देते हैं और मुख्यत: अपनी वेब साइट से ही इसका प्रचार करते हैं जबकि 47 प्रतिशत सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं।