नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सौर पैनलों तथा फोटो वोल्टाइक सेल/मॉड्यूलों को 18 प्रतिशत वाले कर स्लैब में रखने का प्रस्ताव है,जिससे केंद्र सरकार के सौर ऊर्जा मिशन को धक्का लग सकता है। केंद्र ने वर्ष 2022 तक देश में सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ाकर 100 गीगावाट करने का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य हासिल कर लेने पर भारत दुनिया में सबसे अधिक सौर ऊर्जा क्षमता वाला देश हो जाएंगा लेकिन यह लक्ष्य हासिल करना इतना आसान नहीं है।
इसी के मद्देनजर सरकार ने वर्तमान में फोटो वोल्टाइक सेल/मॉड्यूल को आयात शुल्क तथा उत्पाद शुल्क से छूट दी हुई है। इसके साथ ही सोलर सेल या इनसे बने मॉड्यूल/पैनल को भी आयात शुल्क से छूट दी गई है जबकि इन पर उत्पाद शुल्क 12.5 प्रतिशत है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार डॉ. ए.के. त्रिपाठी ने यूनीवार्ता के साथ साक्षात्कार में बताया कि जीएसटी में इन उत्पादों को 18 फीसदी वाले स्लैब में रखने का प्रस्ताव है। उन्होंने स्वीकार किया कि इससे सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम कर रहे उद्योग हतोत्साहित होंगे और कहा कि मंत्रालय इन उत्पादों को निचले कर स्लैब में रखने के लिए वित्त मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहा है।