मुंबई। आरबीआई ने देश के बैंकों की सीईओ को लेकर बड़ा फैसला किया है। आरबीआई ने विदेशी, प्राइवेट, लघु वित्त, भुगतान बैंक और स्थानीय क्षेत्र बैंकों के होल टाइम डायरेक्टर्स और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों सैलरी से जुड़े नए नियम जारी कर दिए हैं। आरबीआई ने कहा कि बैंकों को अपने सभी कर्मचारियों को कवर करते हुए एक कॉम्प्रीहेंसिव कंपनसेशन पॉलिसी बनानी चाहिए। RBI ने कहा है कि नए निर्देशों का पालन करना 1 अप्रैल 2020 से जरूरी होगा।
आरबीआई के नए नियम के मुताबिक बैंकों के प्रदर्शन का असर बैंक के सीईओ को मिलने वाली वैरिएबल कम्पेनसेशन पर पड़ेगा। अगर किसी बैंक की फाइनेंशियल स्थिति खराब होती है तो सीईओ को मिलने वाली वैरिएबल कम्पेनसेशन का हिस्सा शून्य तक किया जा सकता है।
आपको बता दें कि वैरिएबल कम्पेनसेशन सैलरी का हिस्सा होता है,जो अधिकारियों के प्रदर्शन पर आधारित होता है।
आरबीआई ने इस नियम में बदलाव किया है, जिसके तहत बैंकों की स्थिति बिगड़ने पर सीईओ की सैलरी में कटौती होगी। वहीं RBI ने कहा है कि अगर वैरिएबल पे फिक्स्ड पे का 200 फीसदी तक है, तो इसका 50 फीसदी रकम नॉन-कैश में होना चाहिए। अगर वैरिएबल पे 200 प्रतिशत से ऊपर है, तो 67 फीसदी नॉन-कैश में होना चाहिए। बैंकों के सभी रैंक के कर्मचारियों के लिए सैलरी का एक सिस्टम होना चाहिए। जिसकी हर साल समीक्षा की जानी चाहिए।