मुंबई। कंपनियों के खराब वित्तीय परिणामों तथा विदेशों से मिले नकारात्मक संकेतों के दबाव में बीते सप्ताह दो से ढाई प्रतिशत की गिरावट में रहने के बाद आने वाले सप्ताह में घरेलू शेयर बाजारों का रुख मुख्य रूप से रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के बयान पर निर्भर करेगा। इसके अलावा अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और जम्मू-कश्मीर सीमा पर पाकिस्तान के साथ तनाव यदि गहराता है तो उसका बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। गत सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 764.57 अंक यानी 2.02 प्रतिशत टूटकर सप्ताहांत पर 37,118.22 अंक पर बंद हुआ। बुधवार और शुक्रवार को बाजार में तेजी रही जबकि अन्य तीन दिन गिरावट के रहे।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयरों वाला निफ्टी 286.95 अंक यानी 2.54 प्रतिशत लुढ़ककर 10,997.35 अंक पर आ गया। मझौली और छोटी कंपनियों के सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई का मिडकैप 2.23 प्रतिशत टूटकर सप्ताहांत पर 13,546.92 अंक पर और स्मॉलकैप 4.32 प्रतिशत लुढ़ककर 12,496.35 अंक पर आ गया। आने वाले सप्ताह में 05 से 07 अगस्त तक एमपीसी की बैठक होनी है और 07 अगस्त को समिति के फैसले की घोषणा की जायेगी। मौद्रिक नीति में होने वाले किसी भी बदलाव का सीधा प्रभाव बाजार पर दिखेगा। निवेशकों की निगाहें जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर भी होंगी। इनके अलावा 09 अगस्त को जून के औद्योगिक उत्पादन के आँकड़े जारी होने हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध गहराने से पिछले सप्ताह बाजार पर दबाव रहा। आने वाले सप्ताह में भी निवेशक इस पर नजर बनाए रखेंगे।