नई दिल्ली। रेलवे मंत्रालय अनारक्षित डिब्बों या जनरल डिब्बों में बायोमीट्रिक सिस्टम से टिकट देने की शुरूआत कर रहा है। इससे यात्रियों को सीट मिलने में आसानी होगी, प्लेटफॉर्म पर टिकट लेने और ट्रेन पकड़ने और असामाजिक तत्वों की मनमानी से भी छुटकारा मिलेगा। ये पायलट प्रोजेक्ट वेस्टर्न रेलवे डिवीजन के मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन और बांद्रा टर्मिनल पर पहले ही शुरू कर दिया गया है। इसके लिए दोनों स्टेशन्स पर 2-2 बायोमीट्रिक मशीन लगाए गए हैं।
कैसे होगा इस्तेमाल- जनरल डिब्बों के लिए टिकट खरीद रहे यात्रियों को बायोमीट्रिक मशीन पर पर अपना फिंगरप्रिंट देना होगा, जिसके बाद उन्हें एक टोकन जेनरेट किया जाएगा। ये टोकन नंबर हर जनरल क्लास के कोच सीटों के नंबर के क्रम में अलॉट किए जाएंगे। इसके बाद यात्रियों को अपने टोकन नंबर के क्रम में एक लाइन में खड़े होना होगा। एक आरपीएफ स्टाफ एंट्री पॉइंट पर खड़ा होगा जो टोकन का सीरियल नंबर चेक करेगा और पैसेंजर को उसी ऑर्डर में कोच में आने देगा।
इन ट्रेनों के जनरल कोचों के लिए काम कर रहा है
1. अमरावती एक्सप्रेस (मुंबई सेंट्रल स्टेशन)
2. जयपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस (मुंबई सेंट्रल स्टेशन)
3. कर्णावती एक्सप्रेस (मुंबई सेंट्रल स्टेशन)
4. गुजरात मेल (मुंबई सेंट्रल स्टेशन)
5. गोल्डेन टेंपल मेल (मुंबई सेंट्रल स्टेशन)
6. पश्चिम एक्सप्रेस (बांद्रा टर्मिनस)
7. अमरावती एक्सप्रेस (बांद्रा टर्मिनस)
8. अवध एक्सप्रेस (बांद्रा टर्मिनस)
9. महाराष्ट्र संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (बांद्रा टर्मिनस)
रेलवे की एक और नई तैयारी- रसोई गैस की तर्ज पर अब रेलवे में यात्रियों को सब्सिडी छोड़ने का विकल्प मिलेगा। रसोई गैस में सफल रही गिव ईट अप मुहिम अब रेलवे में भी पूरी तरह से लागू करने की तैयारी है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक रेल मंत्रालय ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर दौरान यात्रियों को सब्सिडी छोड़ने का विकल्प देने जा रहा है, ठीक वैसे ही जैसे सीनियर सिटीजन के लिए दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक कफउळउ की वेबसाइट पर टिकट खरीदते वक्त सब्सिडी छोड़ने का विकल्प दिया जाएगा। ये यात्री पर निर्भर करेगा कि वो सब्सिडी लेना चाहता है या नहीं। यानी आप अपने रेल सफर की पूरी कीमत चुका सकते हैं।