नई दिल्ली। कमजोर मानसून के कारण इस साल देश में खरीफ फसलों की बुवाई में सुस्ती छाई है और इसका रकबा सामान्य के मुकाबले 25.45 प्रतिशत कम रहा है। कृषि मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा खरीफ मौसम में 28 जून तक देश में कुल 146.61 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। सामान्यतया इस समय तक 196.66 लाख हेक्टेयर में बुवाई होती है। इस प्रकार इसमें 25.45 प्रतिशत की कमी रही है। पिछले साल के मुकाबले यह आँकड़ा 9.54 प्रतिशत कम है। पिछले साल इसी अवधि तक 162.07 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हुई थी। इस साल मानसून अब तक कमजोर रहा है। देश में मानसूनी बारिश औसत से 34.4 प्रतिशत कम हुई है। मौसम विभाग के 36 उप क्षेत्रों में से 28 में सामान्य के मुकाबले 20 से 59 प्रतिशत तक कम बारिश हुई है जबकि तीन इलाकों में 60 प्रतिशत या उससे ज्यादा कमी दर्ज की गयी है।
खरीफ फसलों के लिए आज भी देश के किसान मानसूनी बारिश पर ज्यादा निर्भर रहते हैं। इसलिए, कम बारिश होने से इस बार खरीफ की बुवाई भी गति नहीं पकड़ पा रही। आम तौर पर इस समय तक धान का रकबा 35.54 लाख हेक्टेयर होता है लेकिन इस साल महज 27.09 लाख हेक्टेयर में ही इसकी बुवाई हुई है। इस प्रकार इसमें 23.78 प्रतिशत की कमी आयी है। दलहनों और तिलहनों का रकबा बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है। इस साल 28 जून तक मात्र 3.42 लाख हेक्टेयर में दलहनों की बुवाई हुई है जो सामान्य (11.28 लाख हेक्टेयर) से 69.68 प्रतिशत कम है। पिछले साल की तुलना में भी यह 5.44 लाख हेक्टेयर कम है। दलहनों में अरहर का रकबा सामान्य से 81.25 प्रतिशत, उड़द का 56.43 प्रतिशत और मूंग का 70.70 प्रतिशत घटा है।