नई दिल्ली। चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शनिवार को चीन अमेरिका व्यापार वार्ता फिर शुरू करने के लिए राजी हो गए हैं। चीनी मीडिया के मुताबिक अमेरिका चीन के निर्यात पर नया शुल्क नहीं लगाने के लिए जारी हो गया है। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका और चीन एक दूसरे के खिलाफ नए जमाने का 'वॉर' लड़ रहे हैं। अगर आसान शब्दों में कहें तो अमेरिका और चीन अपने कारोबारी हितों को पूरा करने के लिए 'ट्रेड वॉर' कर रहे हैं, लेकिन इसके अब थमने की उम्मीद बढ़ गई है। दरअसल जी-20 समिट के दौरान अमरीका-चीन में इसको लेकर सहमति बनती दिख रही है। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर पर दोनों देश बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शनिवार को चीन अमेरिका व्यापार वार्ता फिर शुरू करने के लिए राजी हो गए हैं। चीनी मीडिया के मुताबिक अमेरिका चीन के निर्यात पर नया शुल्क नहीं लगाने के लिए राजी हो गया है।
भारतीय बैंकों की विदेशी ब्रांचों से ले रखा था लोन
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ट्रेड वॉर रुकने से भारत समेत दुनियाभर के लोगों की बड़ी टेंशन दूर हो जाएगा। ऐसे में भारत भी अपने सामानों को आसानी से अन्य देशों में एक्सपोर्ट कर पाएगा। लिहाजा एक्सपोर्ट बढ़ने से अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा। हालांकि इस ट्रेड वॉर के दौर में भारत और चीन के बीच तेजी से कारोबार बढ़ा है। फिर से शुरू होगी बातचीत- चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक समानता और आपसी सम्मान के आधार पर दोनों देश दोबारा बातचीत शुरू करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने जी20 शिखर सम्मेलन के बाद बातचीत में कहा, 'चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग के साथ हमारी के अच्छी बैठक हुई है। श्रेष्ठ, मैं इसे श्रेष्ठ कहूंगा। हमें विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की और अब हम ट्रैक पर दोबारा आ रहे हैं।
बड़ी कंपनियों को मिलेगी राहत
दोनों देशों के बीच दोबारा बातचीत शुरू होने से निवेशकों और कई कंपनियो को राहत मिली है। पिछले कुछ वक्त से दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच चल रही ट्रेड वॉर से फिलहाल राहत है। आपको बता दें कि आइफोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एप्पल ट्रेड वॉर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कई बार विरोध कर चुकी हैं, क्योंकि पिछले एक साल के दौरान एप्पल की सेल्स में भारी गिरावट आई है। वहीं, दूसरी ओर अमेरिका ने चीन की बड़ी स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी हुवावे पर बैन लगा दिया है। अमेरिका ने हुवावे पर चीनी सरकार के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया है। दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद के बीच अमेरिका ने चीनी सामान पर टैरिफ 10 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया है। जिसके बाद चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगा दिया। दुनिया की बड़ी ब्रोकरेज फर्म डीबीएस के मुख्य अर्थशात्री तैमूर बेग ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि ट्रेड वॉर के कारण अमेरिका और चीन देशों को इस साल अपनी जीडीपी का 0.25 फीसदी गंवाना पड़ सकता है।